चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने विधानसभा चुनावों का पूरा शेड्यूल बताया। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा इन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं।
कुल 7 चरणों में चुनाव होंगे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में 10,14, 20 और 23 फरवरी, 3 और 7 मार्च को वोटिंग होगी। पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा और सबसे आखिर में मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे एक साथ 10 मार्च को जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए 15 जनवरी तक चुनावी रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी है। हालांकि इसके स्थान पर वर्चुअल रैली और डोर टू डोर प्रचार( जिसमे 5 लोग जा सकेंगे)की अनुमति है।

गौरतलब है की हाल ही में चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च की सीमा में बढ़ोतरी की थी। लाखों रुपए की बढ़ोतरी के बाद रैली और सभाओं पर रोक से इन पर खर्च होने वाले रुपयों का उपयोग किस तरह से किया जाता है, यह देखने वाली बात रहेगी।
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रैलियों पर रोक लगने के बाद चुनाव आयोग से छोटी राजनीतिक पार्टियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और टीवी चैनल पर मुफ्त में अधिक समय मुहैया कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि “मैं यह चाहता हूं कि सभी पार्टियों को मौका मिले। लोकतंत्र मजबूत करने के लिए इलेक्शन कमीशन को सभी पॉलिटिकल पार्टियों के लिए बराबर से देखना चाहिए।” बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि बीजेपी सरकार में और सबसे ज्यादा इलेक्शन बोंड भी उसे ही मिलता है तो वर्चुअल प्रचार का सबसे अधिक फायदा उसे मिल सकता है। उन्होंने बीजेपी पर सरकारी रूपयो से ऐड देने की भी बात कही।

इस बार क्या अलग
1. 15 जनवरी तक रैलियों पर रोक है लेकिन अगर कोरोना के हालात सुधारते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है,रैलियों से पहले चुनाव में उम्मीदवार से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने बाबत शपथ पत्र लिया जाएगा।
2. कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर NDMA और आईपीसी की धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।
3. प्रत्याशी सुविधा एप के जरिये ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
4.कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे। पोस्टल बैलट की सुविधा।
5. 80 से ऊपर के बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए डोर टू डोर वोटिंग की सुविधा दी गई है।
6. कोविड को देखते हुए 16% पोलिंग बूथ बढ़ाये गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
7. महिलाओं को वोटिंग के लिए जागरूक करने हेतु हर विधानसभा में कम से कम एक पोलिंग बूथ को मैनेज करने की जिम्मेदारी महिलाओं की।
8. चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत किसी भी CVIGIL एप पर कर सकेंगे वोटर्स ।

देश भर में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच चुनाव रद्द कराने की मांग उठ रही थी। लेकिन भारतीय संविधान के अनुसार एक तय कार्यकाल के बाद विधानसभा को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। कार्यकाल खत्म होने पर विधानसभा अपने आप ही भंग हो जाती है। चुनाव रद्द करने या आगे बढ़ाने की प्रक्रिया सिर्फ आपातकाल लागू होने के दौरान ही की जा सकती है।
इसलिए चुनाव आयोग ने प्रचार के अन्य विकल्पों पर विचार करते हुए रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी है। यह पहला मौका है जब देश में इस तरह के बड़े चुनाव में मात्र वर्चुअल माध्यम से प्रचार किया जाएगा। उम्मीदवार क्या रणनीति अपनाते हैं? क्या कुछ चुनावी मुद्दों में रहेगा? इस पर पूरे देश की नजर है।