अनूपपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार को काबू करने के लिए इंतजाम तो अच्छे कर लिए लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से इनकी तैयारियां मात्र दिखावा बनकर रह गई है। जिले में कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को 43 नये संक्रमित मिलने से एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 148 हो गई है।
जिले में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया था। इससे बचाव के लिए कई तैयारियां की गई।कोविड कमांड सेंटर स्थापित किया गया,मरीजों के सहयोग के लिए हेल्पलाइन नंबर 1075 जारी किया गया। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर बयां कर रही है। लापरवाही की हद करते हुए कोतमा के रहने वाले एक 47 वर्षीय व्यक्ति को कोरोना नेगेटिव का मैसेज भेज दिया गया।
गलती पता चलने पर स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारी व्यक्ति के घर कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट लेकर अगले दिन पहुंचे। अब वह व्यक्ति अपने संक्रमित होने की बात ही नहीं मान रहा। जीएमसी शहडोल के कंप्यूटर ऑपरेटर ने इसी तरह से और 6 लोगों को गलत कोरोना रिपोर्ट का संदेश भेज दिया।
संक्रमित व्यक्तियों के सहयोग के लिए हेल्पलाइन नंबर तो जारी किया गया, लेकिन उसको रिसीव करने के लिए स्वास्थ्य विभाग निर्देश देना भूल गया। 1075 नंबर पर कई बार कॉल करने पर भी उसे कोई उठाने वाला नहीं है।
कोविड नियंत्रण कक्ष में सबसे जरूरी चीज क्या होगी?ऐसा क्या है जो हर हाल में मौजूद होना चाहिए? जिसके बिना काम न चले? एक डॉक्टर! जिले का कोविड नियंत्रण कक्ष तीन कर्मचारियों के हवाले हैं। डॉक्टर ड्यूटी से नदारद रहते हैं,कर्मचारी किस डॉक्टर की ड्यूटी है ये भी नहीं बता पाते।
एक ओर जिले में ऐसी गड़बड़ियों का अंबार लगा है, वहीं संक्रमितो की संख्या लगातार बढ़ रही है। अनूपपुर में 12, जैतहरी में 2, कोतमा में 25 और पुष्पराजगढ़ में 4 संक्रमित पाए गए हैं।