यूं तो शहडोल जिला प्रदेश की खबरों में बना ही रहता है। यहां के लोगों पर चर्चाओं का दौर खत्म नहीं होता। इस बार शहडोल जिला खबर में आया है, लगातार रिकॉर्ड बनाने पर। इस एक साल में जिले में यातायात विभाग बिना हेलमेट पहने दिखे कुल 5550 लोगों का चालान काट चुका है। अपनी जान की परवाह न करते हुए लगभग 90% लोग बिना हेलमेट सड़कों पर बाइक लेकर निकलते हैं।
अब जब शहडोल जिले के लोग नियम तोड़ने के रिकॉर्ड बना रहे हैं, तब यहां का यातायात विभाग क्यों पीछे रहेगा! इस 1 वर्ष में यातायात विभाग ने हेलमेट ना पहनने, प्रेशर हार्न उपयोग करने, दो पहिया वाहन पर तीन सवारी बैठने, बिना परमिट गाड़ी चलाने, बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चालाने और नशे की हालत में गाड़ी चलाने जैसे मामलों में लगभग 10 हज़ार लोगों के चालान काटे हैं।
पुलिस विभाग का कहना है कि उनकी तरफ से लोगों की सुरक्षा के लिए हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें समय-समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजित करना, अधिक दुर्घटना वाले स्थानों को चिन्हित कर वहां रेडियम व साइन बोर्ड लगाना और तत्परता से चालान काटना शामिल है। पुलिस विभाग ने आम जनता के बीच यातायात नियमों का पालन करने और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्कूली छात्रों को अपने घरों और आसपास के लोगों को नहीं यातायात नियमों का पालन कराने की समझाइश दी।
पुलिस विभाग के अफसर दूसरों को समझाइश देने और चालान काटने में तो अव्वल रहे। लेकिन कितनी ही बार सड़कों, चौराहों और ट्रैफिक सिग्नल पर पुलिस की वर्दी पहने साहब बिना हेलमेट पहने नजर आ जाते हैं। जब आम जनता की सुरक्षा के लिए इतनी तत्परता दिखाई जा रही है तब खुद नियमों का उल्लंघन करके पुलिस विभाग जनता को क्या संदेश देना चाहता है? और तो और इन पर कोई कार्यवाही भी नहीं होती है। नैतिकता यह है कि पुलिस और लोगों की तरह ट्रैफिक नियमों का पालन करें या इनसे भी चालान वसूला जाए।