तमिलनाडु के तंजावुर में 12वीं कक्षा की एक छात्रा की ओर से आत्महत्या का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि लावण्या नाम की इस छात्रा ने ऐसा कदम उठाया जिसने कि हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। दरअसल छात्रा को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसका विरोध करने पर जब छात्रा को सफलता नहीं मिली तो उसने अपनी जान देने का मन बना लिया है। लावण्या के इस कदम को लेकर लोगों में खासी नारजगी है। लोगों ने लावण्य को न्याय दिलाने के लिए अभियान भी शुरू कर दिया है। वहीं इस मामले में एक गिरफ्तारी भी की गई है।
आखिर मामला क्या है? जब परिजन छात्रा को डॉक्टर के पास ले गए तो वह कुछ भी रिस्पॉंड नहीं कर रही थी और बुधवार 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई है। फिलहाल इस मामले की जांच में पुलिस जुट गई है। लावण्या तंजावुर के सेंट माइकल्स गर्ल्स होम नाम के एक बोर्डिंग हाउस में थी। लावण्या की मौत के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें छात्रा ने इस बात को कबूला है कि हॉस्टल में उसे लगातार डाटा जाता था और उससे हॉस्टल के सभी कमरो को साफ करने के लिए भी कहा जाता था। यही नहीं छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर किया जा रहा था। परेशान होकर लावणण्या ने कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूल ने छात्रा से कहा था कि अगर वह स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है तो उसे ईसाई धर्म अपनाना होगा। लावण्या ने 9 जनवरी की रात को बेचैनी के लक्षण दिखाए, जहां उसे लगातार उल्टी होने के बाद स्थानीय क्लिनिक ले जाया गया। छात्रावास के वार्डन ने उसके माता-पिता को बुलाया और उन्हें घर ले जाने के लिए कहा। इसके बाद लावण्या को तंजौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लावण्य की मौत के बाद राजनीतिक दलों से लेकर लोगों में खासा नाराजगी है।लोग लावण्य को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर ट्विवटर पर #JusticeForLavyana नाम से अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान में बीजेपी से लेकर अन्य लोगों ने लावण्या के लिए न्याय की मांग की है। बीजेपी ने तो बकायदा प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला है।
शिकायत मिलते ही पुलिस लावण्या से पूछताछ करने अस्पताल पहुंची। पूछताछ में पुलिस को पता चला की लावण्या को काफी प्रताड़ित किया गया है और उसे धर्म बदने के लिए भी मजबूर किया गया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने वार्डन सकायामारी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले की जांच की जा रही है।
सबसे पहले हमको एक बात समझनी होगी के धर्म हमारी आस्था का नाम है, इन्सान की भगवान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं और इन्हीं मान्यताओं में हमारे विश्वास को आस्था कहते हैं, बिना आस्था के धार्मिक गतिविधियों का कोई मतलब नहीं है, ज़बरदस्ती किसी का धर्म तो परिवर्तन तो किया जा सकता है लकिन उस धर्म में आस्था रखना या ना रखना ये उसका अपना फेसला होता है