साल 2011 में एक फिल्म आई थी ‘ नो वन किल्ड जेसिका’। फिल्म असल जिंदगी की घटनाओं पर आधारित थी, जिसमें एक लड़की जेसिका की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और 7 साल जेल की सजा काटने के बाद आरोपी सबूतों के अभाव में बरी कर दिया जाता है। कुछ इसी तरह का फिल्म प्लॉट शीना बोरा हत्याकांड मामले में भी तैयार हो रहा है।
हत्याकांड की मुख्य आरोपी और बेटी का हत्या करने के जुर्म में इस वक्त जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी के जिंदा होने का दावा कर सनसनी फैला दी है। सालों तक पुलिस को गुमराह करने और झूठी दलीले देने के बाद भी लगता है इंद्राणी अपनी इस आदत से थकी नहीं है।
सीबीआई की विशेष अदालत में हत्या की मुख्य आरोपी ने 8 पन्नों का आवेदन सौंपा, जिसमें उसने लिखा है कि जेल में उसकी मुलाकात एक महिला से हुई जो कि पूर्व पुलिस निरीक्षक थी और जबरन वसूली के मामले के तहत गिरफ्तार होकर यहां आई थी। इंद्राणी के अनुसार महिला जून 2021 में शीना बोरा से कश्मीर में मिली थी जहां उसने शीना को वैक्सीन लगवाते हुए देखा था।
एक मिनट के लिए अगर इन लोगों के दावों को सच मान लिया जाए तो फिर एम्स की वह रिपोर्ट क्या थी जिसमें रायगढ़ के जंगल में मिली लाश शीना बोरा के होने की पुष्टि थी। यह पूरा घटनाक्रम शुरू हुआ, अप्रैल 2012 में हुए एक हाईप्रोफाइल परिवार की लड़की शीना बोरा के मर्डर के बाद। 23 मई 2012 को स्थानीय लोगों ने एक लड़की की लाश जंगल में दफन होने की बात पुलिस को बताई। लाश का परीक्षण करने के बाद पहचान नहीं होने से पुलिस ने उसे दफना दिया, लेकिन 2015 में मामला एक बार फिर गरमाया क्योंकि जाने-माने परिवार की बेटी शीना 2012 के बाद से ही गायब थी।
शायद हत्याकांड राज ही रह जाता लेकिन इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर ने पुलिस के सामने इंद्रानी मुखर्जी का भंडाफोड़ कर दिया। उसने बताया कि किस तरह उसने अपने दूसरे पति पीटर मुखर्जी के साथ मिलकर शीना की हत्या की साजिश रची थी।
CBI ने मामले को अपने हाथ में लेते हुए जांच शुरू की जिसमें धीरे-धीरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझती चली गई। किस तरह मुखर्जी ने अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया, किस तरह पीटर मुखर्जी के साथ मिलकर उसकी लाश रायगढ़ के जंगलों में दफन की गई और किस तरह मामले को दबा दिया गया। इसके बाद एम्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट और मृतका के इंद्राणी मुखर्जी से मेल खाते डीएनए ने लाश शीना की ही होने की पुष्टि की।
मामले को तकरीबन 9 साल हो गए हैं। 2015 से इंद्राणी मुखर्जी मुंबई के बायकुला जेल में बंद है। इन सालों में इंद्राणी अपनी रिहाई के लिए कई दांवपेंच अपनाती रही है। अबकी बार किया गया था दावा आश्चर्य की सीमा से परे है। यह मात्र एक चाल है या फिर सच में शीना बोरा ज़िंदा है? 4 फरवरी को होने वाली सुनवाई में कुछ खुलासा होगा या फिर सीबीआई मामले की सिरे से जांच करेगी?