पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है
शहडोल की लड़कियां खुल कर बात कर रही है पीरियड्स को लेकर
अभी भी नहीं करती घर के मेल सदस्य से बातें
अभी भी समाज में पीरियड्स को लेकर दकियानूसी सोच कायम
पूजाघर या पूजा स्थल पर जाना पीरियड्स में मना
शरीर को आराम देने की प्रथा बनी कुप्रथा
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समाज के ऐसे दकियानूसी विचारों से निकलने की जरूरत