इंदौर हुआ है नंबर वन इंदौर रहेगा नंबर वन।स्वच्छता में देश में 5 बार परचम फहराने वाले इंदौर शहर में आज एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी गोबर धन प्लांट का शुभारंभ हुआ। ट्रेंचिंग ग्राउंड में 550 टन गीले कचरे से 17500 किलो बायो सीएनजी तैयार करने वाले इस प्लांट कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की।
इस प्लांट की खास बात यह भी है कि इससे गीले कचरे के साथ-साथ मवेशियों से मिलने वाले गोबर का भी उपयोग होगा। मध्य प्रदेश सरकार की आस पास के गांवो से ₹5 किलो में गोबर खरीदने की योजना है। इस प्लांट के माध्यम से 1 साल में एक लाख 30 हज़ार टन कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। इससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी, ग्रीन एनर्जी मिल सकेगी और ऑर्गेनिक कंपोस्ट का उत्पादन भी होगा।
इंदौर नगर निगम की कार्यशैली और स्मार्ट वर्क कि भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी तारीफ होती रही है। इसी कड़ी में नगर निगम ने प्लांट से निकलने वाली बायो सीएनजी से 400 सिटी बस चलाने की योजना बनाई है। पूरे प्लांट की लगभग 50% बायो सीएनजी इंदौर नगर निगम खरीदने वाला है। बाकी 50% गैस उद्योगों को बेची जा सकेगी।
गांव में रहने वाले लोग जिनके पास गाय भैंस या गोबर देने वाले अन्य जानवर होते हैं वे उस गोबर का उपयोग घरों में गोबर गैस से खाना पकाने में करते हैं। इसी गोबर का उपयोग कर इंदौर करीब 16.5 करोड़ की कमाई साल भर में कर लेगा। डेढ़ करोड़ रुपए सूखे कचरे से मिलेंगे जबकि 8.30 करोड़ कार्बन क्रेडिट से मिलेंगे।
इंदौर में 15 एकड़ में फैले इस प्लांट को फिलहाल एशिया का सबसे बड़ा प्लांट कहा जा रहा है। अभी इस तरह का बायोगैस प्लांट जर्मनी में है लेकिन इस प्लांट को उससे बेहतर बताया जा रहा है। विश्व बायो गैस फोरम के माध्यम से इस प्लांट का प्रमाणीकरण करवाया जाएगा। जिसके बाद संभवतया यह प्लांट विश्व का सबसे अधिक क्षमता बायो सीएनजी प्लांट हो जाएगा।