
यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमला करते ही शेयर मार्केट (Share Market) बुरी तरह प्रभावित हुआ है. दोनों देशों के बीच जारी जंग के बीच क्रूड आयल (Crude Oil) की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. गुरुवार को बीते दिन ब्रेंट क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया.
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इसका असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है. हालांकि शुक्रवार को भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं और इनकी कीमतों में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला. दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर तो वहीं डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. मुंबई में एक लीटर पेट्रोल के दाम 109.98 रुपये प्रति लीटर हैं तो डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर हैं.
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत (Petrol Diesel Price) बढ़ने का असर मतदाताओं पर पड़ सकता है और महंगाई बढ़ने का ठीकरा मौजूदा सरकार पर फोड़ सकता है. ऐसे में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद डीजल-पेट्रोल के दाम स्थिर रखकर अभी हालात पर नियंत्रण रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है. चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे, ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि 10 मार्च के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं।
टेक्सास की ऑयल कंपनी पायनियर नेचुरल रिसोर्सेज के स्कॉट शेफील्ड ने कहा- अगर पुतिन हमला करते हैं, तो कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, लेकिन अगर बाइडेन ईरान पर से प्रतिबंध हटाते हैं, तो इनमें 10 डॉलर की गिरावट होगी। फिलहाल मार्केट में जितनी मांग है उतनी आपूर्ति नहीं है, इस वजह से कच्चा तेल 100 डॉलर के पार निकल गया है।
रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, ऐसे में युद्ध की स्थिति में सप्लाई लाइन बिगड़ने लगी है है इससे कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पार कर गई हैं। वहीं तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है। इतना ही नहीं, आगे भी इसमें तेजी जारी रह सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 15 से 20 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की घोषणा की थी। अगले ही दिन देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आई और कई राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किया। इससे आम आदमी को राहत मिली थी। इसके बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। रुझान बताते हैं कि पिछले करीब साढ़े तीन महीने से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इसी दौरान कच्चे तेल की कीमतों में काफी तेजी आई है।