हमारे देश में गाय को देवी देवताओं की तरह पूजा जाता है। कई बार गाय को लेकर राजनीति की जाती है तो कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें गाय केंद्र में रही और दो पक्षों में विवाद छिड़ गया। पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गौशाला में रखी गई गायों की मौत की खबरें सामने आ रही है। पहले भोपाल,फिर रीवा और अब इनके बाद प्रदेश के इंदौर में भी बड़ी संख्या में मृत गाये मिलने से हड़कंप मच गया है।
पूरा मामला इंदौर के खुडैल थाना क्षेत्र के पेड़मी गांव का है। यहां स्थित अहिल्या माता गौशाला जीव दया मंडल ट्रस्ट द्वारा संचालित गौशाला में कुछ लोग बुधवार को दर्शन के लिए गए लेकिन उन लोगों को गौशाला में बहुत कम गाये ही नज़र आई।गौशाला के आगे तालाब के पास जाने पर सैकड़ों गाये मृत अवस्था में पाई गई। उसी जगह पर गायों के कंकाल भी दिखाई दिए, जिन्हें कुत्ते और चील नोच कर खा रहे थे।हैरानी की बात है कि इसी गौशाला को आदर्श गौशाला का तमगा मिला था और अब यहीं पर 150 गायों की मौत की खबर सामने आई है। घटना सामने आने के बाद प्रशासनिक अमले, डॉक्टर और जनप्रतिनिधियों ने जायजा लिया। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने गौशाला के कर्ताधर्ताओं को तलब किया है।
गौशाला को सरकार की तरफ से 1.75 करोड़ का अनुदान दिया गया है। लेकिन बावजूद इसके गौशाला में कई अनियमितताएं सामने आई है। पेडमी के जंगलों में गायों को 2 साल से फेंका जा रहा था। जबकि इन्हे दफनाया जाना चाहिए। संसाधन और जगह होने के बाद भी ऐसा करने की क्या वजह रही होगी? ट्रस्ट ने बीमार और अस्वस्थ गायों को खुले में छोड़ रखा है जबकि स्वस्थ गायों के लिए दो अलग-अलग तरह के शेड बना रखे हैं। खुले में रखी बीमार और बूढ़ी गायों को खाना भी समय पर नहीं दिया जाता। संभवतः इसी वजह से वे दम तोड़ रही हैं। कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आते हैं, ट्रस्ट के पास 250 बीघा जमीन होने के बाद भी मात्र 1 बीघा जमीन गायों का चारा उगाने के लिए उपयोग की जा रही है। बाकी जमीन को लीज पर दे दिया गया है।
समाज सेवा के नाम पर नैतिक कार्यों की आड़ में हो रही मूक पशुओं की मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा। गौ सेवा की आड़ में अपने गोरखधंधे चला रहे इन फ़र्ज़ी गौसेवको पर प्रशासन की नकेल कसना जरूरी हो गया है।