उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटिंग खतम होने के बाद एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं।एग्जिट पोल में बताया जा रहा है की कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है। एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी को 294 सीटें मिल सकती हैं। वहीं समाजवादी पार्टी को 105सीटों पर जीत मिल सकती हैं। वहीं बीएसपी को 02 सीटें वहीं कांग्रेस केवल 1 सीट पर सिमटती नजर आ रही है।वहीं अन्य को 1 सीट मिल रही है। आपको आज रूबरू करवाते हैं यूपी चुनाव से रिलेटेड हर अपडेट उससे पहले आप यह समझ लीजिए की आखिर ये एग्जिट पोल होता क्या है? क्यूँ यह चुनावों के बाद अहम मुद्दा बन जाते हैं विचार का?
बिल्कुल सरल और सीधी भाषा में आपको समझा दें। जब कोई चुनाव होते हैं तो हर कोई जानना चाहता है कि इस बार चुनाव में कौन बाजी मारने वाला है. भले ही एक-दो दिन बाद चुनाव के परिणाम जारी होने वाले हो, लेकिन हर किसी की रिजल्ट में दिलचस्पी रहती है. ऐसे में लोगों की राय जानी जाती है और पता किया जाता है कि आखिर इस बार कौनसी पार्टी जीत की ओर आगे बढ़ रही है. ऐसे ही जब चुनाव होता है तो लोगों से उनकी राय पूछी जाती है कि उन्होंने किसे वोट दिया है और उन राय के आधार पर गणित लगाई जाती है कि इस बार कौन जीतने वाला है. इसे ही एग्जिट पोल कहते हैं।
अब आप यह सोच में डूब गए होंगे की आखिर ये एग्जिट पोल करवाता कौन है? तो अगर एग्जिट पोल की बात करें तो कई समाचार चैनल या सर्वे करवाने एजेंसियां ये पोल करवाती हैं. इनका एक सैंपल साइज होता है, जैसे मान लीजिए उन्होंने एक लाख लोगों से बात की और उन एक लाख लोगों से मिली राय के आधार पर आखिर रिपोर्ट तैयार की गई. एजेंसिया हर सीट के हिसाब से कुछ लोगों से बात करती हैं और उसके आधार पर बताया जाता है कि चुनाव के नतीजे कैसे रहने वाले हैं?
वहीं अगर ओपिनियन पोल की बात करें तो वह एग्जिट पोल से काफी अलग होता है. एग्जिट पोल मतदान के बाद ली जाने वाली राय होती है, लेकिन ओपिनियन पोल चुनाव से पहले करवाया जाता है. सीधे शब्दों में कहें तो ओपिनियन पोल में चुनाव से पहले लोगों से राय पूछी जाती है कि वो इस चुनाव में किस को वोट देने वाले हैं. वहीं एग्जिट पोल में वोटिंग के पूछा जाता है कि आपने किस को वोट दिया है।
अब बात करते हैं यूपी एग्जिट पोल की, तो वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 43 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी-आरएलडी और एसबीएसपी गठबंधन रह सकता है। गठबंधन को 35 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है। बीएसपी को 13 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर दिखाया गया है जबकि कांग्रेस को 4 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक 7 चरणों में चुनाव संपन्न हुए हैं। 10 मार्च को वोटों की गिनती की जाएगी।
क्या सही साबित होते हैं ये एग्जिट पोल? साल 2017 के नतीजे आए तो एग्जिट पोल की बात आंशिक सत्य साबित हुई। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो उभरी, साथ ही उसने बहुमत के जादुई आंकड़े को भी पार कर लिया। प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी और उसके सहयोगी दलों अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के गठबंधन ने कुल 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसमें बीजेपी को 312 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि एनडीए को 41 फीसदी वोट मिले थे।
10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान हुआ, दूसरा चरण में यानि 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर वोट हुआ, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ। चौथे चरण में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर हुए। पांचवे चरण में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर चुनाव संपन्न हुए।