मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को सौगात देते हुए बजट में बिजली बिल पर 25 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का प्रावधान किया था। अब इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री ने एक और घोषणा की है। सरकार ने कोरोना लहर के दौरान अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2020 तक के बिजली बिल माफ कर दिये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में उद्योग धंधे बंद थे। लोग आजीविका नहीं चला पा रहे थे। इस तरह प्रदेश के 88 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के ₹6400 करोड़ रुपए के बिजली बिल बकाया है। इस पूरी बकाया राशि को प्रदेश सरकार ने भरने की घोषणा की है। खास बात यह है कि जिन लोगों ने पहले ही बिजली बिल जमा कर दिए हैं, उन्हें भी इस घोषणा का लाभ मिलेगा। जमा की गई राशि को आने वाले बिलो में एडजस्ट कर दिया जाएगा, जिससे अगले महीनों का बिजली बिल कम होकर आएगा।
इस घोषणा का फायदा उन सभी उपभोक्ताओ को मिलेगा जिनके पास 1 किलोवाट का कनेक्शन है। प्रदेश के कुल 1 करोड़ 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 80 लाख उपभोक्ताओं के अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2022 तक के बिजली बिल माफ किए जाएंगे। दरअसल, कोरोना काल में 88 लाख बिजली उपभोक्ताओं ने बिल जमा नहीं किए थे, जिसके बाद ऊर्जा विभाग ने बिल वसूल करने के लिए एक नई नीति अपनाई थी, जिसमें उपभोक्ताओं को दो विकल्प दिए गए थे। बकाया बिल एक साथ जमा करने पर 40% की राहत देने की बात थी और 6 किस्तों में बिल जमा करने पर 25% की छूट दी जा रही थी, जिसके बाद कई लोगों ने बिल जमा कर दिए थे।
बाद में सरकार ने बकाया बिलों की वसूली नहीं करते हुए उन्हें फ्रीज़ करने को कहा था। ऐसे में बिजली कंपनियों का 6400 करोड़ का बकाया अब सरकार भरेगी। साथ ही जिन्होंने बिल भर दिए हैं उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा। प्रदेश के किसानों के लिए भी एक घोषणा की गई है । ऐसे किसान जो बिल नहीं भरने की वजह से डिफॉल्टर हो गए हैं उनका बिजली बिल का ब्याज अब राज्य सरकार ने माफ कर दिया है।