अब कुछ समय से लगता है मानो, कोरोना की बीमारी खत्म सी हो गई है, लेकिन नही हम गलत सोच रहे हैं। जी हाँ, कोविड -19 के हालातों से संबंधित आंकड़े दैनिक संक्रमणों की संख्या में गिरावट का रुझान जरूर दिखा रहे हैं। हालांकि, आईआईटी कानपुर के एक हालिया अध्ययन ने इस बात के संकेत दिए हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है।यह अगस्त के अंत तक चरम पर हो सकती है। सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह इस तरह के अध्ययनों का सम्मान करती है लेकिन इस रिपोर्ट के वैज्ञानिक मूल्य की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, “हमारा प्रयास रहा है कि हम महामारी के विज्ञान, उसकी प्रवृत्ति और विषाणु विज्ञान को देखें। सभी अनुमान डेटा और मान्यताओं पर आधारित हैं। हमने समय-समय पर अलग-अलग अनुमान देखे हैं। वे कभी-कभी इतने भिन्न होते हैं कि केवल अनुमानों के आधार पर निर्णय समाज के लिए बहुत असुरक्षित होंगे। सरकार इन अनुमानों को उचित सम्मान के साथ देखती है क्योंकि ये प्रतिष्ठित लोगों द्वारा किया गया कार्य है।”
हालांकि, वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन का कहना है कि भारत में कोई चौथी लहर नहीं आएगी. वायरोलॉजिस्ट जॉन ने कहा, अगर कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं आता, जो अलग तरह से रिएक्ट करे, तो भारत में चौथी लहर नहीं आएगी.
उन्होंने कहा, स्थानिक फेज में दाखिल होने को लेकर मेरी अपनी परिभाषा है. यानी इस स्थिति में देश में कोरोना के रोजाना कम और स्थिर केस आएंगे. इनमें काफी कम उतार चढ़ाव होगा और यह सिर्फ चार हफ्तों के लिए होगी. भारत में सभी राज्यों में एक जैसी स्थिति दिख रही है, इसलिए इससे मुझे और भरोसा मिला है. endemic stage यानी स्थानिक स्टेज वह होती है, जब लोग वायरस के साथ रहना सीख लेते हैं. यह एपिडेमिक स्टेज से अलग होती है, जब वायरस का प्रभाव आबादी पर पड़ता है। अब देखने वाली बात यह होगी की आखिर इस महामारी से लोगों को कब तक छुटकारा मिल सकेगा।