हाल ही में एक फिल्म रिलीज की गई है। नाम है कश्मीर फाइल्स। फिल्म मे कश्मीर में रहने वाले एक वर्ग कश्मीर पंडितों पर इतिहास में हुए अत्याचारों को दिखाया गया है। सन 1990 का यह घटनाक्रम इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है।
कश्मीरी पंडितों का पलायन निंदनीय कृत्य है लेकिन घटना के लगभग 32 सालों बाद फिल्म की आड़ में लोगों को एक वर्ग विशेष के खिलाफ भड़का कर इतिहास दोहराने की साजिश रची जा रही है। यह वीडियो कश्मीर फाइल्स फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद का है। इसमें दिख रहे स्वामी जितेंद्रानंद बच्चों को नफरत की घुट्टी पिला रहे हैं।
कहते हैं – मुस्लिम लोग हर जगह मौजूद है इनसे हमको ऐसे बच के रहना है जैसे कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क लगाकर बचते हैं।
हमारा देश तो यहां के लोगों के बीच भाईचारे, सौहार्द, एकता और विभिन्नता के लिए जाना जाता था। इसे नफरत के दलदल में धकेल कर क्या हासिल होगा। एक फिल्म दिखाकर बच्चों को उनके ही बीच के लोगों के खिलाफ हथियार उठाना सिखाया जा रहा है और देश के प्रधानमंत्री सहित एक बड़ा खेमा फिल्म की तारीफ मे कसीदे गड़ने मे व्यस्त है।