कोरोना महामारी आने के बाद हमारी जिंदगी में कई बदलाव हुए हैं, ज्यादातर चीजें नकारात्मक ही रही है। इनमें आपके लिए एक और नकारात्मक खबर जुड़ गई है। देश में महामारी की शुरुआत होने से पहले मार्च 2020 से पहले देश के वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन के किराए में जरूरी रियायत दी जाती थी। लेकिन यात्री किराए के रूप में ज्यादा कमाई के लालच को रेलवे छोड़ नहीं सका और इस छूट को बंद कर दिया गया।
अब आप सोच रहे होंगे कि धीरे-धीरे हालात सामान्य होने पर इन रियायत को बहाल कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा तो नहीं हुआ बल्कि 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को दी जा रही 50% की छूट को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। रेलमंत्री वैष्णव का कहना है कि टिकट मे छूट देने से रेलवे को भारी लागत पड़ती है और अतिरिक्त दबाव पड़ता है। साथ ही रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की घटती कमाई को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया है।
महामारी के पहले रेल मंत्रालय यात्रियों को करीब 53 देता था। इनमें से 15 को छोड़कर सभी को बंद कर दिया गया है। फिलहाल चालू रियायती सेवाओं में 4 दिव्यांगों, 11 छात्रों और रोगियों को दी जाने वाली सुविधाएं शामिल है। बाकी की 38 प्रकार की सेवाओं में मिलने वाली रियायत पूरी तरह से बंद है।
मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में सभी वर्गों में रेलवे में यात्रा करने के लिए महिला यात्रियों को 50% और पुरुष यात्रियों को 40% की छूट दी जाती थी। उस छूट का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम आयु सीमा बुजुर्ग महिलाओं के लिए 58 वर्ष और पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी। पिछले काफी समय से इस छूट को बहाल करने की मांग की जा रही थी, लेकिन अब रेल मंत्री ने लिखित में उत्तर दिया है कि कोविड 19 महामारी और प्रोटोकॉल के मद्देंनज़र यात्रियों के सभी वर्गों के लिए किराए में रियायत फिर से शुरू नहीं की जाएगी।