यह आम धारणा है कि जो बीमारियां आपके माता-पिता को होती हैं, आनुवंशिक (जेनेटिक) रूप से आपको भी हो सकती हैं। लेकिन यह धारणा अब गलत साबित हो सकती है। दरअसल, बीमारियाें पर जीन का असर सिर्फ एक निर्धारित उम्र तक ही पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ आपके जीन से ज्यादा आपके रहन-सहन, खान-पान और दिनचर्या का असर बीमारी होने के जोखिम को बढ़ाता है।

दरअसल, हाल ही में जीव विज्ञान के सहायक प्रो यूसी बर्कली और सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी के सदस्य पीटर सुदमंत के शोध में खुलासा हुआ है कि बीमारियां जीन (आनुवंशिक) के आधार पर निर्धारित नहीं होती हैं। 50 साल की उम्र के बाद आप किस बीमारी से पीड़ित होंगे यह आपके वातावरण पर निर्भर करता है। आप किस हवा में सांस ले रहे हैं और कैसा पानी पी रहे है यह ज्यादा मायने रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि निर्धारित उम्र बढ़ने के बाद जीन का प्रभाव नहीं पड़ता है।