टाटा संस ने एयर इंडिया के बजट वाहक एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ कम किराए वाली एयरलाइन एयरएशिया (AirAsia) इंडिया का विलय करने की योजना बनाई है. एयर इंडिया को सरकार से सफलतापूर्वक खरीदने के बाद टाटा समूह की यह योजना मूर्त रूप लेने जा रही है.

इस कदम का उद्देश्य परिचालन तालमेल हासिल करना और परिचालन लागत में कटौती करना है. द इकोनॉमिक टाइम्स ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद यह रिपोर्ट किया है.

विलय का निर्णय टाटा समूह द्वारा लिया गया है, क्योंकि एयरएशिया इंडिया में समूह की 84 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वजह से त्वरित विलय का रास्ता खुला है.

हालांकि, टाटा संस ने सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) के साथ विस्तारा और एयर इंडिया के शेड्यूल को एकीकृत करने पर बातचीत को अंतिम रूप दिया है, जैसा कि ईटी की रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार बताया गया है. बता दें, टाटा समूह के पास विस्तारा में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शेष एसआईए के पास है.

ईटी के स्टोरी के मुताबिक, सूत्रों में से एक ने विलय को एक तार्किक कदम बताया, क्योंकि एयरएशिया इंडिया में टाटा की ज्यादातर हिस्सेदारी है, जिससे एकीकरण आसान हो जाता है.

टाटा समूह की लंबे समय से एकल एयरलाइन इकाई बनाने की योजना थी और वह अब एयर इंडिया का सफलतापूर्वक अधिग्रहण करने के बाद इसके साथ आगे बढ़ सकता है.

ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा संस ने हाल के हफ्तों में एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ स्टाफ के एकीकरण, विमान की गुणवत्ता और अन्य मामलों में सुरक्षा जांच पर चर्चा करने के लिए कई बैठकें की हैं. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि बाहरी एकीकरण विशेषज्ञ भी बैठकों का हिस्सा थे.

टाटा संस ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है और न ही विलय पर कोई टिप्पणी की है.

टाटा समूह के स्वामित्व वाली टैलेंस प्राइवेट लिमिटेड ने 8 अक्टूबर को एयर इंडिया और उसकी सहायक एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 प्रतिशत के लिए बोली हासिल की थी. अधिग्रहण साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है.

एकल विमानन इकाई बनाने की योजना भारतीय विमानन क्षेत्र में समूह को एक बड़ा लाभ दे सकती है. अपने सभी एयरलाइन व्यवसायों के लिए एक छत्र के निर्माण से न केवल बेहतर लागत प्रबंधन होगा, बल्कि एक एकीकृत ब्रांड के तहत सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने में भी मदद मिलेगी.