मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र शास्त्री आजकल चर्चा में हैं।
ये चर्चा नागपुर से शुरू हुई, जब पं. धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने कहा कि जब बागेश्चर धाम सरकार को चमत्कार साबित करने के लिए चुनौती दी गई है तो कथा बीच में ही छोड़कर वह चले गए।
इसके बाद पं. धीरेंद्र शास्त्री का भी बयान आया। उन्होंने चुनौती देने वालों को रायपुर बुलाया, जहां अभी उनकी रामकथा चल रही है।
शुक्रवार को पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कई मीडियाकर्मियों के सामने चमत्कार करने का दावा किया।
एक नेशनल न्यूज चैनल के रिपोर्टर के चाचा का नाम लेकर मंच से बुलाया।
अब ये वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। पं. धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायी इसे चमत्कार मानते हैं।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं।
उन पर अंधविश्वास को बढाने और फैलाने का आरोप लग रहा। उनके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत की गई हैं।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में खड़े हो गए हैं।
कौन हैं बागेश्वर धाम वाले बाबा
बागेश्वर धाम श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज का जन्म 4 जुलाई 1996 को गड़ा छतरपुर मध्य प्रदेश में हुआ।
लोग इन्हें महाराज बागेश्वर धाम के नाम से तथा चमत्कारी महाराज के नाम से भी जानते हैं।
वर्तमान समय में धीरेंद्र कृष्ण महाराज बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश में ही अपना दरबार लगाते हैं, तथा लोगों की समस्या का समाधान करते हैं।
बागेश्वर धाम श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज के पिता का नाम श्री राम करपाल गर्ग तथा माता का नाम श्रीमती सरोज गर्ग हैं।
उन्होंने सबसे पहले अपने दादाजी से शिक्षा प्राप्त की तथा इनके दादा जी का नाम श्री भगवान दास गर्ग हैं।
इन्होंने ही Bageshwar Dham Shri Dhirendra Krishna Ji Maharaj को रामायण कथा, भागवत गीता जैसे महान काव्य का अध्ययन भी करवाया हैं।
श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज परिवार में सबसे बड़े बेटे हैं तथा उनके दो भाई और एक बहन भी हैं।
बाबा के qualifications
इन्होंने धार्मिक ग्रंथों को ही आपने शिक्षा का सबसे बड़ा आधार मानते हैं।
श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज ने ज्यादातर समय अपने दादाजी के साथ व्यतीत किया, इनके दादा जी संस्कृत के महान जानकर भी थे।
Bageshwar Dham Shri Dhirendra Krishna Ji Maharaj ने रामायण और भागवत गीता का अध्ययन अपने दादाजी से ही किया।
इनका परिवार काफी गरीब था। जिस कारण ये वृंदावन में जाकर कर्मकांड पढ़ना चाहते थे।
लेकिन ज्यादा पैसे नहीं होने के कारण यह वहां जाकर शिक्षा नहीं ले पाए, लेकिन इन्होंने हनुमान जी के मंदिर में बैठकर ध्यान करना प्रारंभ कर दिया।
श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज गरीबी के कारण सरकारी स्कूल में ही पढ़े।
अपने गांव से ही आठवीं क्लास की पढ़ाई करने के बाद उन्हें 5 किलोमीटर दूर गंज नामक गांव में जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती थी।
जिस कारण यह स्कूल पैदल ही जाया करते थे, जो कि 5 किलोमीटर की दूरी पर था।
12वीं क्लास की पढ़ाई करने के बाद Bageshwar Dham Shri Dhirendra Krishna Ji Maharaj ने आगे कॉलेज की पढ़ाई करनी चाही।
लेकिन कई मुश्किलों की वजह से उन्होंने BA का प्राइवेट शिक्षा प्राप्त करने के लिए फॉर्म भर दिया। यह अंग्रेजी हिंदी बुंदेली तथा संस्कृत भाषा के अच्छे ज्ञाता हैं।
क्या हैं विवाद

सभी बड़े न्यूज़ चैनल में Dhirendra Krishna Shastri के बारे में ही चर्चा हो रही हैं।
इनके ऊपर नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने आरोप लगाए हैं, कि यह अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं।
इसके बाद से यह चर्चा में हैं, तथा इन पर नागपुर से भागने का भी आरोप हैं।
लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लगातार अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए बताया हैं।
कि उनका नागपुर में जितना कार्यक्रम तय हुआ था इतने समय तक वह नागपुर में रहे, उसके बाद वह अपने अगले कार्यक्रम के लिए रायपुर आ गए थे।
रायपुर आने के बाद यहां पर चलने वाले दो-दिवसीय कार्यक्रम में देश के जाने-माने कई बड़े न्यूज़ चैनल में लाइव के माध्यम से इनके चमत्कार को दिखाया।
इस कार्यक्रम से पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को चुनौती दी थी।
कि हमारे इस चमत्कार को देखना चाहे तो रायपुर में चल रहे दो दिवसीय कार्यक्रम में आ सकते हैं।
लेकिन अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का कोई भी व्यक्ति यहां पर नहीं आया और यह मामला ज्यों का त्यों ही रहा।