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Banaras Hindu University

एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी: Banaras Hindu University (BHU)

Banaras Hindu University यानी बीएचयू का नाम देश के उन संस्थानों में लिया जाता है। जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करता हैं।

by Shristi Singh
February 9, 2023
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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय या बीएचयू एक पुराना सार्वजनिक विश्वविद्यालय है जो 1919 से काम कर रहा है।

यह एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय हैं। देश का तीसरा सबसे अच्छा विश्वविद्यालय और दुनिया का 10वां सबसे अच्छा विश्वविद्यालय है ।

हालांकि कॉलेज में ‘हिंदू’ शब्द है, लेकिन यह सभी पंथ, धर्म और जातीयता के छात्रों को अनुमति देता है। इस विश्वविद्यालय में विदेशों से भी विद्यार्थी पढ़ने आते हैं।

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विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर 1300 एकड़ से अधिक भूमि में फैला हुआ है, जिसे वाराणसी के अंतिम शासक काशी नरेश ने दान में दिया था।

दक्षिण परिसर में 2700 एकड़ भूमि शामिल है, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र भी शामिल है।

Banaras Hindu University
BHU, Our pride

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू का नाम देश के उन संस्थानों में लिया जाता है। जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करता हैं।

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105 साल पुराने इस विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए लाखों अभ्यर्थी आज भी प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं।

1360 एकड़ में फैली इस यूनिवर्सिटी का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। चलिए जानते हैं इसका इतिहास, 1915-1916 में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, देश के सबसे प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है।

जो वाराणसी के पवित्र शहर में स्थित है। 1916 में बसंत पंचमी के दिन महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने विश्वविद्यालय की नींव रखी थी।

उस समय विदेशी शासन के बावजूद इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए महामना को 1360 एकड़ भूमि दान में दी गई थी। बीएचयू की स्थापना 04 फरवरी 1916 को हुई थी।

इसके निर्माण की कई कथाएं प्रचलित हैं। जिनमें सबसे प्रसिद्ध यह है कि, जब मालवीय जी ने इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए काशी नरेश से जमीन मांगी थी तो उन्होंने इसके लिए एक अनोखी शर्त रखी थी।

काशी नरेश ने शर्त रखी कि वह एक दिन में पैदल चलकर जितनी जमीन नापेंगे उतनी ही जमीन उन्हे मिल जाएगी। फिर महामना ने सारा दिन चलकर विश्वविद्यालय के लिए राजा काशी से भूमि ली।

इसमें उन्होंने 11 गांव, 70 हजार पेड़, 100 पक्के कुएं, 20 कच्चे कुएं, 40 पक्के घर, 860 कच्चे घर, एक मंदिर और एक धर्मशाला दान में दी थी।

Banaras Hindu University
BHU, Our pride

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है। पंडित मदन मोहन मालवीय जी, डॉ. एनी बेसेंट और डॉ. एस. राधाकृष्णन जैसे महान लोगों के संघर्ष के कारण ही शिक्षा का इतना बड़ा केंद्र स्थापित हुआ हैं।

जनवरी 1906 में सनातन धर्म महासभा की बैठक में लिए गए निर्णय को शामिल करते हुए, महामना ने समिति के सचिव के रूप में 12 मार्च 1906 को विश्वविद्यालय की पहली विवरणिका जारी की।

इस विश्वविद्यालय में आयुर्वेदिक (चिकित्सा), वैदिक, कृषि, भाषा, विज्ञान, अर्थशास्त्र, ललित कला महाविद्यालय जैसे विभाग शामिल हैं।

विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान को जून 2012 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में नामित किया गया था, और अब से यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान।

1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अधिनियम के माध्यम से केंद्रीकृत , बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भारत का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय है ।

बीएचयू ने 2015-2016 में अपना शताब्दी वर्ष मनाया। इस संस्था ने स्वतंत्रता के बाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बताते हैं कि, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की परिकल्पना सबसे पहले दरभंगा नरेश कामेश्वर सिंह ने की थी। 1896 में एनी बेसेंट ने सेंट्रल हिंदू स्कूल की स्थापना की।

महामना के साथ-साथ बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का सपना भी इन्हीं दो लोगों का था। यह प्रस्ताव 1905 में कुंभ मेले के दौरान जनता के सामने लाया गया था।

उस समय सरकार को एक करोड़ रुपये जमा करने थे, 1915 में पूरा पैसा जमा कर लिया गया। भूमि पूजन पर पांच लाख गायत्री मंत्रों का जाप महामना द्वारा कराया गया था।

मालवीय जी जब 1919 में तीसरे कुलपति बनने जा रहे थे तो, कुछ लोगों ने विरोध जताया था।

वहीं बीएचयू आईटी के पहले प्रोफ़ेसर चार्ल्स ए किंग को बनाया गया, जो की एक इतिहास है।

शिमला में भी बनना था, बीएचयू

Happy Foundation Day,Capital of Knowledge #BHU♥️..Just reminiscing the old good days at BHU,specially the unique celebration of the foundation day. #BanarasHinduUniversity #AlmaMater#Nostalgia#Varanasi pic.twitter.com/J1bAOGthN8

— Nitesh Kumar Sahoo (@NiteshK73442174) January 26, 2023

मालवीय जी का सपना था कि शिमला में भी वाराणसी की तरह यूनिवर्सिटी खोली जाए।

आज भी उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। दरभंगा नरेश उस समय चाहते थे कि, यह संस्कृत यूनिवर्सिटी शारदा विद्यापीठ के नाम से बने।

एनी बेसेंट चाहती थी इसे यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया नाम दिया जाए।

बीएचयू में क्या – क्या

परिसर के रूप में सड़कों के साथ एक अर्ध वृत्त है। इमारत प्राचीन इंडो-गोथिक वास्तुकला का एक उदाहरण है।

परिसर में 60+ छात्रावास हैं। विश्वविद्यालय के अंदर शीर्ष आकर्षण हैं।

सयाजी राव गायकवाड़ पुस्तकालय: यह परिसर का सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें 13 मिलियन से अधिक पुस्तकें हैं।

विश्वविद्यालय में और भी कई पुस्तकालय हैं लेकिन, वे पर्यटकों के लिए नहीं खुले हैं।


श्री विश्वनाथ मंदिर: यह मंदिर विश्वविद्यालय के मध्य में स्थित है। मंदिर में सात अलग-अलग मंदिर शामिल हैं।

जो 20वीं सदी की शुरुआत में बनाए गए थे। मंदिर के निर्माण को पूरा होने में 30 साल लगे थे।

भारत कला भवन: एक पुरातात्विक संग्रहालय जो प्राचीन कलाकृतियों, लकड़ी के काम, मूर्तियों और अन्य के लिए प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय में एक लाख से अधिक वस्तुएँ प्रदर्शित हैं।

स्थित

बीएचयू वाराणसी में स्थित है । बाबतपुर हवाई अड्डा वाराणसी से 22 किमी दूर स्थित है और यह विश्वविद्यालय का निकटतम हवाई अड्डा है।

हवाई अड्डे या रेलवे स्टेशन से, विश्वविद्यालय तक पहुँचने के लिए कई निजी और सरकारी परिवहन उपलब्ध हैं। विश्वविद्यालय शहर के लंका क्षेत्र में स्थित है।

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