यूपी एटीएस द्वारा आठ संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सब कांटिनेंट या अलकायदा-बर्र-ए-सगीर और सहयोगी आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन काफी समय से West UP और उत्तराखंड में नेटवर्क को मजबूत कर रहा था। इसके लिए आतंकियों ने सहारनपुर और हरिद्वार को अपना केंद्र बनाया था, जहां पर स्थानीय लोगों की मदद से आतंकी रह रहे थे।
ATS के मुताबिक, सहारनपुर के गागलहेड़ी क्षेत्र के निवासी अलीम की मुलाकात बांग्लादेशी आतंकी अहसान और मुफक्किर से हुई थी। अलीम ने ही लुकमान से भी दोनों की मुलाकात कराई। जिसके बाद अहसान ने लुकमान को अपने संगठन से जोड़ लिया। बकायदा इसके लिए उसे ट्रेनिंग भी दी गई थी। इसके बाद लुकमान की मुलाकात संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकी अब्दुला तल्हा से हुई। तल्हा को लुकमान ने सैय्यद माजरा के एक मदरसे में शिक्षक नियुक्त कराया, जहां पर वह 11 माह तक रहा और कई अन्य लोगों को भी आतंकी संगठन से जोड़ा, इसके साथ ही कई अन्य गांव में भी सक्रिय रहा।
आतंकी तल्हा ने आतंकी गतिविधियों को सक्रिय करने के लिए विदेश से भी फंडिंग कराई थी। देवबंद का रहने वाला कामिल भी आतंकियों के संपर्क में आ गया था। उसने तल्हा और बांग्लादेशी आतंकी अलीनूर को सलेमपुर में एक मकान किराए पर दिलाया था। यही नहीं तल्हा ने कामिल के एकाउंट में विदेशों से फंडिंग कराई थी। जिसका सबूत भी एटीएस को मिल गया था।
आपको बता दें सहारनपुर में अक्सर एटीएस की कार्रवाई होती रहती थी। जिस कारण आतंकियों को अपने पकड़े जाने का डर रहता था। इसलिए बांग्लोदशी आतंकियों ने सहारनपुर से ही सटे हरिद्वार को अपना सुरक्षित ठिकाना बनाया। इसके लिए हरिद्वार के नगला निवासी मुदस्सिर को संगठन से जोड़ा गया। मुदस्सिर ने बांग्लादेशी आतंकियों को हरिद्वार से सटे सलेमपुर में एक मकान किराए पर दिलाया था। इसके लिए उसे 80 हजार रुपये भी मिले थे।
सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए ये लोग कुछ खास मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते थे। जिनके माध्यम से अपने संगठन में जुड़े और नये लड़कों से बात करते थे। इसके लिए बाकायदा कोड में बात होती थी। इसके लिए संगठन से जुड़ने वालों को बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती थी। इन एप से बात करने पर इनकी लोकेशन ट्रेस नहीं होती थी और न ही बातें रिकार्ड की जा सकती है।
पकड़े गए इन आतंकियों में से शहजाद 14 सितंबर 2021 को चौसाना पुलिस चौकी के सामने भाजपा के बूथ अध्यक्ष की दुकान पर बम धमाका करने का भी आरोपी है। आरोपी शहजाद को एटीएस ने बांग्लादेश के किसी संगठन से तार जुड़े होने के कारण सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। शहजाद अपने बांग्लादेशी साथियों के साथ मिलकर भोपाल में छिपकर रह रहा था। आपको बता दें कि आरोपी अप्रैल, 2022 से कोर्ट से बेल पर चल रहा था, लेकिन एक बार फिर से एटीएस ने इसको धर दबोंचा है।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक भोपाल में NIA ने 14 मार्च 2022 को आतंकी ओली उल्लाह के बाद मुफक्किर और अकील अहमद शेख की गिरफ्तारी की। उनके पास से ही मिले इनपुट के आधार पर यूपी और उत्तराखंड में नेटवर्क फैला रहे लोगों की धरपकड़ की गई।