अब हाल ही में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव भारतीय जनता पार्टी विकास के एजेंडे पर लड़ेगी, जी हाँ। विकास, क्या प्रदेश में इन 5 सालों में देखा आपने विकास? तो चलिए बताते हैं की किस विकास की बात कर रही है भाजपा सरकार इस समय। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें की पार्टी निकाय स्तर पर घोषणा पत्र जारी करेगी, तो वहीं प्रदेश स्तर पर एक घोषणा पत्र अलग से जारी किया जा रहा है। पार्टी ने इसका ढाँचा लगभग तैयार कर लिया है, जो अगले दो-तीन दिन में जारी भी किया जा सकता है। और क्या आपको पता है इस घोषणा पत्र में अगले 50 साल की जरूरत को ध्यान में रखकर शहरों के विकास पर फोकस किया जा रहा है।
निकाय चुनाव के मद्देनजर भाजपा के घोषणा पत्र पर अंतिम चरण में मंथन चल रहा है। शनिवार को भाजपा कोर ग्रुप में भी इस पर चर्चा हुई और रविवार को भी वरिष्ठ नेताओं ने मंथन किया। महापौर पद के प्रत्याशियों के नाम घोषित होने के तुरंत बाद पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी कर देगी। सूत्र बताते हैं कि घोषणा पत्र में पार्टी शहरों के विकास को लेकर अपना विजन रख रही है।
अब बात करते हैं की क्या वो समस्याएं हैं जो इन 5 सालों में पूरे तो न हो पाए लेकिन आगे पूरा करने की भाजपा वायदे कर रही है। इसमें बड़े और मझौले शहरों में पार्किंग समस्या, अतिक्रमण, पेयजल, सीवेज, कचरा प्रबंधन सहित अन्य समस्याओं का समाधान बताने के साथ सरकार अन्य सुविधाएं देने पर अपनी रणनीति भी बताएगी। वहीं निकाय स्तर पर जारी किए जाने वाले घोषणा पत्र में प्रत्येक निकाय की छोटी-छोटी समस्याओं पर ध्यान देते हुए उसका हल बताया जाएगा। इसके अलावा भविष्य में शहर में क्या नया किया जा सकता है, यह भी बताया जाएगा।
निकाय चुनाव चयन समिति में नाम न होने से दुखी भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि हजारों प्रश्नों का एक ही उत्तर है। चयन समिति में नाम न होना संगठन का निर्णय है, जो शिरोधार्य है। आठ विधानसभा की जनता ने एक लोकसभा सदस्य चुना है। इस जनता के प्रति अपने दायित्व का मैं निर्वहन करती रहूंगी और हां…कांग्रेस हम आग भी वहां लगाते हैं, जहां मुर्दे भी आग से डरते हैं। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले सांसद प्रज्ञा सिंह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से मिली थीं और अपनी समर्थक को भोपाल से महापौर पद के लिए टिकट की मांग की थी।