आखिरकार 70 के दशक के सबसे बड़े कोला ब्रांड कैंपा कोला (Campa Cola) की भारतीय बाजारों में वापसी हो गई है।
इस देशी ब्रांड को मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) ने खरीदकर इसे तीन फ्लेवर में लॉन्च कर दिया है।
इस सेक्टर में पहले से बाजार में अपनी धमक जमाए पेप्सी, कोका कोला और स्प्राइट समेत अन्य सॉफ्ट ड्रिंक को कैंपा कोला से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
मुकेश अंबानी (मुकेश अंबानी) की रिलांयस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड) ने देश के 50 साल पुराने कोल्ड ड्रिंक ब्रांड के रिलॉन्च की घोषणा की है।
कैम्पा (Campa) सुना है न? जी हां रिलांयस के साथ कैंपा इंडियन सॉफ्ट ड्रू बेवेरेज मार्केट में वापसी करने को तैयार है।
शुरुआत में कैम्पा के तीन फ्लेवर देखने को मिलेंगे। कैंपा कोला, कैंपा लेमन और कैंपा ऑरेंज। कंपनी ने टैगलाइन दी है-‘द ग्रेट इंडियन टेस्ट।’
मार्केट के आंकड़े कहते हैं कि रिलांयस की अपनी मर्जी की चेन है, इसलिए रिलांयस के लिए ये कॉम्पिटिशन बहुत मुश्किल नहीं होगा।
अंबानी ने प्योर ड्रिंक ग्रुप से खरीदा ब्रांड
Reliance के हाथ में आने के बाद कैंपा कोला (Campa Cola) एक बार फिर मार्केट में अपनी बादशाहत कायम करने की ओर कदम बढ़ा चुका है।
बीते साल अगस्त 2022 में रिलायंस की ओर से Campa Cola के अधिग्रहण का ऐलान किया गया था।
अब इसका टेकओवर पूरा होने के बाद ये बाजार में पहुंच चुका है।
रिलायंस ने दिल्ली स्थित प्योर ड्रिंक ग्रुप (Pure Drink Group) से इस ब्रांड की डील की है।
‘द ग्रेट इंडियन टेस्ट’ स्लोगन से चर्चित
Campa Cola स्पार्कलिंग बेवरेज कैटेगरी में भारत का अपना ब्रांड है।
पेय पदार्थ निर्माता प्योर ड्रिंक्स ग्रुप 1949 से 1970 के दशक तक भारत में कोका-कोला (Coca Cola) का एकमात्र डिस्ट्रीब्यूटर था।
प्योर ड्रिंक्स ने खुद का ब्रांड कैंपा कोला लॉन्च किया और कोका-कोला और पेप्सी के देश से बाहर जाने के बाद जल्द इस सेक्टर का टॉप ब्रांड बन गया था।
कंपनी ने अपना कारोबार बढ़ाते हुए कैम्पा ऑरेंज लॉन्च किया, जो नारंगी रंग वाला सॉफ्ट ड्रिंक था। इसका स्लोगन ‘द ग्रेट इंडियन टेस्ट’ उस समय बेहद चर्चित था।

दिवाली पर थी लॉन्च की तैयारी
रिलायंस के साथ डील होने के बाद पहले कैंपा कोला को बीते साल दिवाली के मौके पर लॉन्च करने की तैयारी थी।
कहा जा रहा था कि इसके तीन नए फ्लेवर दिवाली तक भारतीय मार्केट में लॉन्च कर दिए जाएंगे।
हालांकि, तब ये लॉन्च नहीं हो पाया और अब होली के तुरंत बाद कंपनी ने इसे Orange, Lemon और Cola फ्लेवर में पेश किया है।
कोला बाजार में रिलायंस की एंट्री
अपने रिटेल कारोबार का विस्तार करते हुए रिलायंस चेयरमैन (Reliance Chairman) मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) एक के बाद एक नए सेक्टर में एंट्री मारते जा रहे हैं।
इसी क्रम में Campa Cola के साथ उन्होंने कोला बाजार में कदम रखा है।
उन्होंने 70 के दशक में टॉप पर रहने वाले कैंपा कोला ब्रांड को चुना और प्योर ड्रिंक ग्रुप के साथ करीब 22 करोड़ रुपये में डील करके इसे अपना बनाया है।
कैंपा कोला की एंट्री
जब कोका-कोला ने कोल्ड ड्रिंक बनाने के अपने सीक्रेट को शेयर करने से इनकार कर दिया, तो तत्कालीन मोरारजी देसाई सरकार ने इसे भारत से बाहर कर दिया।
प्योर ड्रिंक्स ग्रुप उस समय भारत में कोका कोला बनाता था।
कोला कोला को लेकर सरकार के फैसले से उसके मालिक चरणजीत सिंह नाखुश थे क्योंकि सवाल 2800 कर्मचारियों की रोजी-रोटी का भी था और कारोबार चलाने का भी।
ऐसे में 1977 में उन्होंने एक नया सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में उतारा, जिसका नाम कैंपा कोला रखा गया।
यह एक संतरे के स्वाद वाली सॉफ्ट ड्रिंक थी, जिसकी बोतल पर कैंपा लिखा हुआ था।
तब इसका मुकाबला थम्स अप से था। धीरे-धीरे कैंपा कोला की लोकप्रियता बढ़ती गई।
कैंपा कोला में गिरावट देखी गई
पेप्सी ने 1989 में भारतीय बाजार में पैर जमाए थे और 1991 में जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार किए, तो कोका-कोला ने भी देश में फिर से प्रवेश किया।
इसका असर कैंपा कोला पर पड़ा। कोला कोला और पेप्सी ने एक आक्रामक विज्ञापन नीति और मार्किट नेटवर्क के साथ कैंपा कोला को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया।
दिल्ली के बॉटलिंग प्लांट और ऑफिस 2001 और 2009 में बंद हो गए और ब्रांड सिर्फ हरियाणा तक ही सीमित रह गया।
2012 तक कंपनी का नाम बाजार में नहीं बचा।
हालांकि, एक बार फिर से कैंपा कोला को बाजार में लॉन्च किया जा रहा है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या ये कंपनी फिर से बाजार में अपना जलवा बिखेर पाएगी?