छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी यानी CIPS के प्रमुख और IAS अधिकारी समीर विश्नोई को कोर्ट ने 8 दिन के रिमांड पर प्रवर्तन निदेशालय ED को सौंप दिया है। अदालत ने ED को विश्नोई से रायपुर में ही पूछताछ करने के निर्देश दिए हैं। ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने केवल 8 दिन की रिमांड की मंजूरी दी है। समीर विश्नोई के अलावा दो कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल की रिमांड भी ED को मिली है। इन तीनों लोगों को ED ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ED ने इन लोगों के ठिकानों पर छानबीन की थी।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन लोगों से ED रायपुर में ही पूछताछ करेगी।
आपको बता दें 11 अक्टूबर को सुबह छत्तीसगढ़ में ED ने कई IAS अफसर के यहां एक साथ दबिश दी थी। जिनके यहां छापा पड़ा उसमें रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू भी शामिल हैं। उनके निवास पर ED की टीम पहुंची थी। ED ने माइनिंग विभाग के अधिकारी JP मौर्य और रायपुर में चिप्स के अधिकारी समीर विश्नोई के यहां रेड पड़ी थी। समीर विश्नोई को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने छत्तीसगढ़ में छापा मारकर लगभग चार करोड़ रुपए की नकदी और जेवर बरामद किया है। सूत्रों के मुताबिक जब्ती की कार्रवाई सरकारी अधिकारियों और निजी लोगों से की गई है। उन्होंने बताया कि राजगढ़ की जिलाधिकारी रानू साहू के आधिकारिक आवास को केंद्रीय एजेंसी ने सील कर दिया है क्योंकि उनके परिसर की छापेमारी के दौरान वह मौजूद नहीं थीं।
ED ने छत्तीसगढ़ में लगातार दो दिनों तक छापेमारी की और करीब 4 करोड़ रुपये बरामद किए। वहीं जांच टीम ने IAS समीर विश्नोई समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
सूत्रों के अनुसार कोयले की काली कमाई खासकर प्रति टन 25 रूपए की वसूली का ये मामला अभी तक की जांच में 450 करोड़ के ऊपर पहुंच चुका है। बताया ये भी जा रहा है कि ये तो मात्र कोयले की वसूली के खेल का पर्दाफाश हो रहा है जिसके एक हजार करोड़ तक के भी पहुंचने की संभावना है। वहीं शराब और रेत इसमें शामिल नहीं है। यदि वो भी इसमें जुड़ेगा तो आंकड़े की कल्पना करना भी मुश्किल काम होगा। साथ- साथ कुछ माइनिंग के अलावा फर्जी जमीन मुवायजा भी इस जांच में शामिल हैं।