उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घरेलू कोयले से लगभग छह-सात गुना ज्यादा महंगा विदेशी कोयला खरीदने के निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब घरेलू कोयले का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है तो फिर महंगा विदेशी कोयला क्यों खरीदा जा रहा है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक स्वतंत्र समिति बनाकर पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। इस बीच राज्य सरकार ने बिजली उत्पादन के लिए 5.46 लाख टन विदेशी कोयला खरीदा है। विदेशी कोयला खरीदने के सम्बंध में राज्य सरकार ने बुधवार को एक पत्र कोल इंडिया को भेज दिया है।

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि कोल इंडिया ट्वीट आदि से कोयले के रिकार्ड उत्पादन को प्रचारित करता रहता है। अगर घरेलू कोयले का रिकार्ड उत्पादन हो रहा है तब फिर विदेशी कोयला खरीदने के लिए क्यों दबाव बनाया जा रहा है?