कानून मंत्रियों के सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा, स्वस्थ्य समाज के लिए मजबूत न्यायपालिका का होना जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि कानून बनाते हुए हमारा फोकस होना चाहिए कि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं।
किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे, इसके लिए हमें लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए होगा। इस दौरान उन्होंने न्याय में देरी पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय मिलने में देरी देश के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक अदालतों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, लोक अदालतों ने लाखों मामलों को सुलझाया है। इनसे न्यायालयों का बोझ कम हुआ है और खासतौर पर गांव में रहने वाले लोगों को गरीबों को न्याय मिलना भी बहुत आसान हुआ है।