उद्धव ठाकरे गुट के हिस्से शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने देश में राजनीतिक संकट पर बड़ी सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया, “दलबदल को पुरस्कृत करने का इससे बेहतर तरीका नहीं है कि वह अपने नेता को मुख्यमंत्री का पद दे।” बागी विधायकों को अयोग्यता की कार्यवाही पूरी होने तक निलंबित किया जाना चाहिए, श्री प्रभु ने लिखा।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी कर एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा उनकी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब मांगा था।
सुनील प्रभु और उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल सहित उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सदस्यों ने अब अपना जवाब दाखिल किया है। अदालत दोनों पक्षों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
एकनाथ शिंदे की अपील के जवाब में प्रभु ने कल लिखा, “विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के योग्य हैं।”