जिन्होंने एविएशन इंडस्ट्री में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. 28 नंबवर 1996 को वो एशिया की पहली कॉमर्शियल महिला पायलट बनी. उन्होंने अमेरिकी कंपनी बोइंग की एयरबस A-300 उड़ाकर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था.

इंद्राणी उस विमान की कमांडर भी रहीं. ऐसा करने वाले वे दुनिया की पहली महिला पायलट बन इतिहास रच दिया था.एक बंगाली परिवार में जन्मी इंद्राणी ने बचपन से ही ऊंची उड़ान भरने का सपना देख लिया था.

शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के समर फील्ड्स स्कूल से हुई. इसके बाद ऑल इंडिया ग्लाइडिंग क्लब में दाखिला ले लिया. फिर वो इंडियन एयरलाइन्स में भर्ती हुईं. साल 1989 में उन्हें एयरबस 320 चलाने के प्रशिक्षण के लिए फ्रांस भेजा गया.

एयरबस 320 उड़ाने वाली कैप्टन इंद्राणी सिंह दुनिया की पहली महिला पायलट बनीं. गरीब और जरूतमंद बच्चों की शिक्षा का उठाया बीड़ा कैप्टन इंद्राणी सिंह सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेती रही हैं. शुरुआत से ही वो जरूरतमंद बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहती थीं.

उनके लिए कुछ करना चाहती थीं. पायलट बनने के बाद उन्होंने गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दिलाने का फैसला किया. साल 1996 में उन्होंने लिट्रेसी इंडिया के नाम से एक NGO की शुरुआत की.

उन्होंने जब इस नेक मुहिम की शुरुआत की तो उस वक़्त सिर्फ पांच बच्चे थे. अब लगभग 25 हजार बच्चे उनके एनजीओ के तहत शिक्षित हुए हैं. उनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए उन्हें 2009 में वुमन अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसके अलावा इंटरनेशनल कांग्रेस फॉर वुमेंस गॉडफ्रे फिलिप स्पेशल अवार्ड से भी नवाजा गया.