केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि देश का पहला ई-हाईवे दिल्ली और मुंबई के बीच बनाया जाएगा। इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जा सकता है। जब से ये घोषणा हुई है तब से लोग इलेक्ट्रिक हाइवे पर मिलने वाले फायदे और सुविधाओं के बारे में जानना चाहते हैं।
क्या है E-highway
बिल्कुल साधारण शब्दों में समझिये कि एक ऐसा हाईवे जिसपर इलेक्ट्रिक वाहन चलते हों। जिस तरह ट्रेन बिजली के जरिए चलती है ठीक उसी तरह हाइवे पर भी बिजली के तार लगाए जाएंगे। हाइवे पर चलने वाले वाहनों को इन तारों के जरिए बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इसे ही ई-हाइवे यानी इलेक्ट्रिक हाइवे कहा जाता है।
इलेक्ट्रिक हाइवे पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी, जहां पूरी हाइवे पर तार बिछाया जाएगा ताकि इस हाइवे पर बिजली की कोई कमी महसूस न हो। इसमें केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे। सरकार इसके लिए स्वीडन की कंपनियों से बात कर रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, ये ई-हाईवे दिल्ली और जयपुर के बीच बनाया जाएगा। 200 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जाएगा। पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह देश का पहला ई-हाईवे होगा।
सरकार का प्लान ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तहत देश भर के हाईवे के किनारे करीब 3 करोड़ पेड़ लगाने का भी है।
इलेक्ट्रिक हाइवे के फायदे
इलेक्ट्रिक हाइवे नॉर्मल हाइवे से थोड़ा एडवांस हाइवे है जिस पर इलेक्ट्रिक व्हील यूजर्स के लिए कई जरूरी सुविधाएं दी गई हैं। इस हाइवे पर चार्जिंग प्वाइंट्स चार्जिंग स्टेशंस खराब ईवी गाड़ियों को बैकअप देने की सुविधा पूरे रास्ते में इंटरनेट का व्यवस्था आदि शामिल है।
इलेक्ट्रिक हाइवे पूरी तरह से ईको फ्रेंडली साबित होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती हैं।
इस पर सरकार की तरफ से केबल से चलने वाली स्पेशल बस और ट्रेनें चलाई जाएंगी। ये बसें 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी।
जिस पर भारी वाहन भी तेज रफ्तार में दौड़ सकेंगे।
ई-हाइवे पर बिजली से चलने वाले वाहन काफी संख्या में रहेंगे। इस पर इलेक्ट्रिक बसों के जरिये आम लोग भी आधे समय में प्रदूषण मुक्त सफर का लुत्फ ले सकेंगे।
इस हाइवे पर आप भाड़े की ईवी को भी लेकर चल सकते हैं। ई-हाइवे पर 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध होगी।
जियो फेंसिंग सर्विस से लैस इस हाइवे पर गाड़ी चोरी का डर न के बराबर होगा। – वाहनों की आवाजाही पर आने वाले खर्च में भारी कमी हो सकती है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे वाहनों की आवाजाही पर आने वाले खर्च में भारी कमी हो सकती है।
ई-हाईवे से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 70% की कमी आएगी। मौजूदा वक्त में ट्रांसपोर्टेशन लागत का ज्यादा होना चीजों की कीमतों में बढ़ोत्तरी की एक बड़ी वजह है। ऐसे में, अगर अगर ट्रांसपोर्टेशन लागत में कमी आएगी, तो चीजें सस्ती हो सकती हैं।
दुनिया की सबसे लंबी इलेक्ट्रिक हाईवे बन सकता है भारत
वर्तमान में दुनिया का सबसे लंबा इलेक्ट्रिक हाईवे बर्लिन में है। यह इलेक्ट्रिक हाईवे 109 किलोमीटर लंबा है। वहीं अगर सरकार अगर दिल्ली से मुंबई के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे बना लेती हैं तो यह दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक हाईवे होगा। दिल्ली से मुंबई के बीच ऑन रोड डिस्टेंस 1408 किलोमीटर है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी का यह इलेक्ट्रिक हाईवे का निर्माण कराना ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है।
चुनौतियां
- इसमें सबसे बड़ी चुनौती इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की है।
- इलेक्ट्रिक हाईवे को बनाने का खर्च आम रोड के मुकाबले ज्यादा आता है और इसमें समय भी ज्यादा लगता है।
- भारत में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में इन वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से रिप्लेस करना एक मुश्किल काम होगा।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बनाना अपने आप में एक जटिल टास्क है।