उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) में एक दर्दनाक घटना सामने आई हैं। यहां के एक पुलिस सिपाही का दो साल के बेटे की मौत पानी से भरे गड्ढे में गिरने से हो गई।
इससे परिवार में कोहराम मचा हुआ हैं, दरअसल सिपाही ने इस घटना के कई दिन पहले से ही अपने अधिकारियों से छुट्टी मांग रहा, ताकि वह अपने बीमार पत्नी और बेटे की देखभाल कर सके।
सिपाही ने आरोप लगाया हैं कि अगर उसे छुट्टी मिल जाती तो आज उसका बेटा उसके साथ होता। सिपाही रोते हुए बोल रहा “ऐसी नौकरी का क्या करेगा जब उसका बेटा ही न रहा”
यह है मामला
दरअसल, यहां मामला इटावा (Etawah) का हैं, जहां पर इटावा पुलिस (Etawah police) के एक कांस्टेबल को उसकी बीमार पत्नी कविता और उसके दो साल के मासूम बेटे की देखरेख के लिए छुट्टी नहीं दी गई।
जिसके बाद उस दो साल के मासूम की मौत हो गई। जिसके बाद कांस्टेबल उसका शव लेकर एसएसपी ऑफिस जिससे यहां साबित हो सके कि वह झूठ नहीं बोल रहा था।
इटावा पुलिस के कॉन्स्टेबल सोनू चौधरी ने बताया की उनकी पत्नी की तबियत पिछले हफ्ते से ठीक नहीं हैं, और इसलिए उसने 7 जनवरी को एसपी कपिल देव के कार्यालय में छुट्टी के लिए आवेदन दिया था।
एसएसपी ने बताया की सोनू ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और उसके अवकाश की मांग थी, इसकी जानकारी उन्हे नही थी।
बैतपुरा में तैनात इटावा पुलिस के कॉन्स्टेबल सोनू चौधरी ने कहा की बुधवार दोपहर जब वह काम पर निकल रहे थे तो,
उनका बेटा घर से निकला और खेलते हुए पास में पानी से भरे हुए एक गड्ढे में गिर गया। जब काफी देर बाद उसे ढूंढा गया तो वह गड्ढे में मिला।
जहां उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों ने कांस्टेबल को संत्वना दी और कांस्टेबल को एकता कॉलोनी स्थित अपने घर वापस जाने के लिए मनाया।
कांस्टेबल ने कहा कि उनके बेटे की मौत उनके ज्यादादार समय पुलिस के काम में ही व्यस्त होने के कारण हुई हैं।
सोनू चौधरी मूल रूप से मथुरा के रहने वाले हैं, वहा पुलिस लूम में तैनात हैं। वह एकता कॉलोनी में किराए के घर में रहते हैं।
वहा अपनी पत्नी कविता जो तकरीबन 10 दिनों से बीमार चल रही थीं और अपने दो साल के बेटे हर्षित उर्फ गोलू के साथ रहते थे।
बेटे की मौत के बाद उसके शव को अधिकारियों के दफ्तर ले गया ताकि वो देखे की मुझे छुट्टी की कितनी जरूरत थीं। अगर मुझे सही समय पर छुट्टी मिल जाती तो मेरा गोलू मेरे साथ होता।
रवाना हुए मथुरा
दो साल के मासूम हर्षित की मौत से सभी हैरान हैं। पहले हर्षित का अंतिम संस्कार यमुना नदी के तट पर करने की तैयारी थी।
लेकिन शाम में मथुरा से सोनू के पिता श्रीचंद पहुंचे और उन्होंने मथुरा में ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। इस पर पूरा परिवार मथुरा रवाना हो गया।