भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे ने संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अदालतों में भी संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
इतना ही नहीं, पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि 1949 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी इसका प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने कहा ये बात इसलिए सही साबित होती है क्योंकि अगर आप उस दौर के अखबारों को देखेंगे तो उसमें ये खबर छपी मिलती है।
बोबडे ने कहा कि 11 सितंबर 1949 के समाचार पत्रों के मुताबिक डॉ. अम्बेडकर ने संस्कृत को भारत संघ की आधिकारिक भाषा बनाने की पहल की थी।
उन्होंने कहा संस्कृत शब्दावली हमारी बहुत सारी भाषाओं के लिए आम है। मैं खुद से यह सवाल पूछता हूं कि संस्कृत को आधिकारिक भाषा घोषित क्यों नहीं किया जा सकता है।