गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। राज्य में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा। इसी के साथ राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी अहम है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इसी राज्य से आते हैं। राज्य में हमेशा दो पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही लड़ाई रही है। इस बार राज्य में आम आदमी पार्टी की एंट्री ने गुजरात विधानसभा चुनाव और दिलचस्प कर दिया है।

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस चुनाव में मेक या ब्रेक की तर्ज पर लड़ रही है। दो बार दिल्ली में और फिर साल की शुरुआत में पंजाब में मिली बड़ी जीत से पार्टी के हौसले बढ़े हुए हैं। गुजरात में अब तक मिले रेस्पॉन्स से भी पार्टीजन उत्साहित हैं।

वैसे, पिछले कुछ दशकों से राज्य में कांग्रेस ही मुख्य विपक्षी पार्टी रही है। मुख्य विपक्षी दल के स्पेस पर अपना हक बनाए रखने के लिए गुजरात में बेहतर प्रदर्शन करना अब कांग्रेस के लिए विकल्प नहीं, बल्कि मजबूरी है। आम आदमी पार्टी अगर यहां कांग्रेस के बराबर प्रदर्शन करने में सफल हो जाती है तो पार्टी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा

गुजरात चुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि देश में विपक्षी राजनीति की भविष्य में धुरी क्या होगी। इन परिणामों का सीधा असर 2024 आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता के स्वरूप पर भी पड़ेगा।

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आए ओपिनियन पोल और तमाम चुनावी सर्वे ने फिलहाल राज्य में बीजेपी को ही बहुमत मिलने का दावा किया है। वहीं कुछ सर्वे कांग्रेस की जगह आम आदमी पार्टी के मुख्य विपक्षी बनने की ओर भी इशारा कर रहे हैं।

टाइम्स नाउ नवभारत- ईटीजी के ओपिनियन पोल के अनुसार, बीजेपी को गुजरात में 125 से 131 सीटें मिल सकती हैं। इसके बाद कांग्रेस के खाते में 29 से 33 सीटें आ सकती हैं। वहीं इन दोनों को टक्कर दे रही आम आदमी पार्टी के खाते में 18 से 22 सीटें आ सकती हैं। अन्य को 2 से 4 सीटें मिलने का अनुमान है।

ओपिनियन पोल की मानें तो कांग्रेस को इस चुनाव में वोट शेयर के मामले में आप से पिछड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस को 21 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है। वहीं, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए 24 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करती नजर आ रही है। इन दोनों दलों से हटकर बीजेपी 48 प्रतिशत वोटों के साथ शीर्ष पर है।

गुजरात में दो दशक से भी ज्यादा वक्त से बीजेपी की सरकार है। ‘हिंदुत्व की प्रयोगशाला’ करार दिए जा चुके गुजरात में आम आदमी पार्टी पैठ बना रही है। AAP ने इन चुनावों में पूरी ताकत झोंक रखी है।

AAP मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वोट शेयर में तगड़ी सेंध लगा सकती है। हालांकि, अभी तक सामने आए ओपिनियन पोल राज्य में फिर से बीजेपी की वापसी दिखा रहे हैं।

ABP-C Voter ने अक्टूबर की शुरुआत में जो सर्वे किया, उसके मुताबिक बीजेपी को 135-143 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी का वोट शेयर घटने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को AAP झटका देते हुए वोट शेयर में सेंध लगा सकती है। हालांकि, AAP को 2 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान नहीं है।