गुजरात के मोरबी (Morbi Bridge) सालों पुराना एक सस्पेंशन केबल ब्रिज अचानक टूटकर गिर गया। इसकी वजह से पुल पर मौजूद सैकड़ों लोग मच्छू नदी में जा गिरे और कई लोगों की जान चली गई। 230 मीटर लंबा ऐतिहासिक पुल 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था और करीब 100 साल से भी अधिक पुराना था। यह छह महीने के लिए नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया गया था। दिवाली से कुछ दिन पहले ही मरम्मत का काम पूरा किया गया था और 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए फिर से खोला गया था।

करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से ओरेवा ग्रुप ने इसका मेंटिनेंस कराया था. इस ग्रुप के साथ मोरबी नगर पालिका ने मार्च 2022 से लेकर मार्च 2037 तक 15 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसके तहत पुल के मेंटिनेंस, साफ-सफाई, सुरक्षा और टोल की वसूली करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेंटिनेंस के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट मिलने से पहले ही हड़बड़ी में आम लोगों के लिए खोल दिया गया. इस ब्रिज पर एक साथ 100 लोगों को चढ़ने की अनुमति दी गई थी. जिस समय हादसा हुआ उस वक्त ब्रिज पर करीब 500 से 700 लोग मौजूद थे.

यह एक सरकारी टेंडर था. ओरेवा ग्रुप को पुल खोलने से पहले इसके नवीनीकरण का विवरण देना था और गुणवत्ता की जांच करनी थी लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बताया कि सरकार को इसके बारे में पता नहीं था. हादसे की तस्वीरें और वीडियो सामने आया वह दिल दहला देने वाला था. अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान पूरी रात चलेगा. सेना की टीमें, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और भारतीय वायु सेना के जवान मौके पर हैं, मलबे के बीच फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं.

मोरबी (Morbi Bridge) हादसे को लेकर मामला दर्ज हो गया है. आईजीपी के नेतृत्व में ये जांच की जाएगी. जो भी इसमें दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मोरबी हादसे को लेकर रखरखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है, आज से ही जांच शुरू की गई है.

देश में मोरबी का सस्पेंशन ब्रिज इकलौता ऐसा ब्रिज नहीं है, बल्कि इस जैसे 600 से अधिक ब्रिज हैं। इनमें से कुछ पर हो सकता है आप भी कभी गए हो। देश का सबसे लंबा संस्पेशन ब्रिज उत्तराखंड के डोबरा से चंटी के बीच बना हुआ है। ये ब्रिज करीब 725 मीटर लंबा है। है। ये ब्रिज टिहरी को प्रतापनगर से जोड़ता है। इस सस्पेंशन ब्रिज से पांच घंटे की दूरी को केवल डेढ़ घंटे में पूरा किया जा सकता है। विद्या सागर सेतू कोलकाता को हुगली से जोड़ता है, करीब 457 मीटर लंबा है। ये ब्रिज 1992 में बनाया गया था। हर रोज इस ब्रिज से हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं।