पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर रैली के दौरान पंजाब के वजीराबाद में जफर अली खान चौक के पास गोली चलाई गई। इस दौरान उनके पैर पर गोली लगी है और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गोली चलाने वाले शख्स से पूछे जाने पर हमला करने की वजह भी बताई है। तो आइए जानते हैं कि इमरान खान पर क्यों हमला हुआ और इस हमले का पाकिस्तान की अवाम और राजनीति पर क्या क्या असर होने वाला है?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि उन पर हमला कैसे हुआ? दरअसल इमरान खान अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की रैली में कंटेनर पर खडे़ होकर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अचानक एक अनजान हमलावर उनपर गोली चलाने लगा।
फायरिंग शुरू होते ही इमरान और उनके साथ कंटेनर पर खड़े पार्टी के सदस्य गोली से बचने के लिए बैठने की कोशिश करने लगे और आस-पास हंगामा मच गया।
अगर रिपोर्ट्स की माने तो इमरान खान के अलावा पार्टी के 3 और अन्य नेताओं को गोली लगी है। तो वहीं एक लोगों की मौत होने की खबर भी सामने आई है।
हमला करने वाले शख्स ने क्या कुछ कहा है?
इमरान खान पर हमला करने वाले युवक ने हमले की वजह पूछे जाने पर कहा कि इमरान खान लोगों को गुमराह कर रहा था और मुझसे ये चीज देखी नहीं गई
इसलिए मैंने इमरान खान को मारने की पूरी कोशिश की।
उसने ये भी कहा कि मैंने सिर्फ इमरान खान को मारने की कोशिश की और किसी को नहीं।
उसने कहा कि एक तरफ अजान हो रही थी और दूसरी ओर इमरान खान शोर कर रहे थे, उसके बाद मेरे जमीर में यही आया कि इनको मारना चाहिए। उसने बताया कि जिस दिन से इमरान खान लाहौर से चला है, मैंने उसी दिन सोचा कि इसको मुझे मारना है।
आखिर इमरान खान ये रैली क्यों कर रहे हैं?
दरअसल इमरान खान ने इस रैली को पाकिस्तान के सबसे बड़े स्वतंत्रता आंदोलनों में से एक बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक वो चाहते हैं कि देश में जल्द से जल्द चुनाव हो। इसी को लेकर वो पाकिस्तान की मौजूदा सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं और यही कारण है कि वो ये रैली कर रहे हैं।
इस घटना का भारत पर क्या क्या असर पड़ेगा?
इमरान खान पर हुए इस हमले को लेकर भारत ने भी बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं।
दरअसल जब इमरान खान को प्रधानमंत्री का पद गंवाना पड़ा था उस वक्त इमरान ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर ये आरोप लगाया था कि उनकी वजह से वो सत्ता से बेदखल हुए हैं।
यही नहीं इमरान ने ISI पर भी उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा चुके हैं। तो वहीं इमरान खान भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की अक्सर तारीफ करते हुए दिखाई देते थे।
ये तो हम सबको पता है कि पाकिस्तान में ISI और सेना का दबदबा चलता है। सेना के खिलाफ कोई भी प्रधानमंत्री नही जा सकता। और इमरान खान कही न कहीं ये जरूर चाहते है कि सेना के इस दबदबे को खत्म किया जाए। ताकि भारत से सम्बंध बेहतर किया जा सके।
इमरान ने जिस तरीके से भारत की नीतियों की तारीफ की इससे साफ जाहिर है कि वो भी भारत की नीतियों पर चलना चाहते हैं। अगर इमरान इसमें सफल होते हैं तो हो सकता है कि भारत पाकिस्तान के संबंधों में कुछ सुधार हो सके।