दिवाली पर्व नजदीक आते ही बाजार लाइटों की दुकानों से सजे पाए जाते हैं। ग्राहक मेड इन इंडिया झालर पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि बाजार में 30-40% ऐसी झालर बिक रही हैं। खास बात यह है कि जहां चीनी झालर की वारंटी नहीं होती, वहीं भारतीय झालर पर 3-4 सीजन की वारंटी दी जा रही है।
इस साल डिजाइनर (जॉय) लाइटिंग की डिमांड ज्यादा है। ओरिएंट इलेक्ट्रिक के EVP एवं लाइटिंग बिजनेस हेड पुनीत धवन ने बताया कि दिवाली पर जॉय लाइटिंग का बिजनेस 80-100 करोड़ का होता है। इस साल घरेलू कंपनियां अच्छी गुणवत्ता की झालरें लाई हैं।

इनमें दीए, भगवान गणेश, स्वस्तिक जैसी डिजाइन शामिल हैं। 40-50 हजार डीलर्स के जरिए झालर उपलब्ध कराई जा रही हैं।

अब कमरे और इस्तेमाल के हिसाब से अलग-अलग लाइट खरीदी जा रही है। कलर चेंजिंग और डिम होने वाली लाइट के अलावा रिमोट कंट्रोल्ड, मोबाइल और लैपटॉप से नियंत्रित होने वाली लाइटिंग की डिमांड भी है।

ये सभी तरह की लाइट देश में ही असेंबल हो रही हैं। बीते 5 सालों में एनर्जी सेविंग लाइटिंग आने से बिजली की खपत में भी काफी कमी आई है।

इलेक्ट्रिक लैम्प एंड कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक, देश में LED लाइटिंग कारोबार 23,000 करोड़ रु. का है। इसमें कंज्यूमर लाइटिंग की हिस्सेदारी 60% है।

ओरिएंट इलेक्ट्रिक के पुनीत धवन के मुताबिक PLI स्कीम के बाद लाइटिंग निर्माताओं के हौसले बुलंद हैं। फिनिश्ड प्रोडक्ट में चीन पर निर्भरता खत्म-सी हो गई है। 85% असेंबलिंग यहीं होने लगी है।