भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह गुजरात में पाकिस्तान की सीमा के पास ‘डीसा’ में एक सैन्य हवाई अड्डे का शिलान्यास किया था जिसे देश की हवाई सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।नया सैन्य हवाई अड्डा उत्तरी गुजरात के बनासकांठा ज़िले में है और यह अगले साल दिसंबर तक वायु सेना के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
देश के लिए बहुत ही अहम साबित होगा: नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने इस सैन्य हवाई अड्डे का शिलान्यास करते हुए कहा था कि ये एयरपोर्ट देश की रक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा यहां से सिर्फ 130 किलोमीटर दूर है। अगर हमारी सेना, विशेष तौर पर वायु सेना डीसा में मौजूद हो तो हम पश्चिमी सीमा पर किसी भी चुनौती का जवाब अधिक प्रभावी ढंग से दे सकेंगे।
देश की सुरक्षा के लिए कितना प्रभावी होगा? इसको बनाने के पीछे मकसद क्या है?
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो ये हवाई अड्डा एक तो सुरक्षात्मक पहल के तौर पर बनाया जा रहा है! दूसरे, मोदी भारत की ‘फ़ॉरवर्ड पॉलिसी’ को आगे बढ़ा रहे हैं। वे एक आक्रामक नीति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत भी काफ़ी हावी है और पीछे रहने वाला नहीं है।आपको बता दें ये गुजरात का 5वाँ सैन्य हवाई अड्डा है।
इसके अलावा राज्य में वड़ोदरा, जामनगर, भुज और कच्छ में भारतीय वायु सेना के बड़े अड्डे हैं। इनमें कच्छ और भुज के अड्डे डीसा की तरफ़ पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित हैं।
अगले साल तक पूरी तरह से होगा तैयार
इस परियोजना के इंजीनियर इन चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि इस योजना को अगले साल यानी दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
रक्षात्मक दीवार की तरह काम करेगा एयरपोर्ट
विशेषज्ञों के अनुसार, डीसा एक फ़ॉरवर्ड बेस होगा और न सिर्फ़ पाकिस्तान में जैकबाबाद और उत्तरी इलाक़ों में स्थित सैन्य हवाई अड्डे से किसी हमले की स्थिति में पहली रक्षात्मक दीवार का काम करेगा बल्कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान में कराची और सक्खर जैसे शहर पर आसानी से हमले किए जा सकेंगे।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि डीसा का सैन्य हवाई अड्डा अटैक बेस नहीं बल्कि रक्षात्मक अड्डा होगा। यहां मिग- 29 और भारत में बनाए गए लाइट एयर कॉम्बैट तेजस विमान मोर्चे पर लगाए जाएंगे। भारत का जो मुख्य आक्रामक विमान है वह राजस्थान के जोधपुर सैन्य हवाई अड्डे पर रखा गया है जिसका यहां इस बेस तक उड़ान का समय पांच से छह मिनट है।
तेल की सबसे बड़ी फैक्ट्री की सुरक्षा होगी आसान
डीसा बेस के निर्माण का एक महत्वपूर्ण कारण जामनगर की रिलायंस तेल रिफ़ाइनरी की सुरक्षा भी है। तेल साफ़ करने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी फ़ैक्ट्री है। अगर यह किसी हमले का शिकार होती है तो भारत बहुत बड़ी मुश्किल में पड़ जाएगा। इसकी सुरक्षा के लिए ये हवाई अड्डा महत्वपूर्ण है।तो वहीं भारत अब नए नए आधुनिक तकनीकी से बने फाइटर जेट का इस्तेमाल कर रहा है इस नजर से भी ये हवाई अड्डा इन फाइटर जेट के लिए बहुत ही अहम साबित होगा।