हमसे कश्मीर छीनने की बात करने वाले पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट (pakistan crisis)से गुजर रहा है। पाकिस्तान भारे कर्ज तले दबा हुआ है, देश का विदेशी मुद्रा भंडारण (forex reserve) खत्म होने को है।
महंगाई आसमान छू रही है, लोग खाने के लालायित हो रहे हैं।
आईए जानते हैं पाकिस्तान की ऐसी हालात कैसे हुई और क्या पाकिस्तान इस संकट से निकल सकता है?
आपको बता दें कि पाकिस्तान की ऐसा हालात पहले नहीं था, कुछ दशक पहले पाकिस्तान GDP per capita भारत से अधिक था। अब पाकिस्तान भारी कर्ज के जाल में फँस चुका है जिसका ब्याज दिन ब दिन बढ़ ही रहा है।
2017 में 7 अरब डॉलर सलाना कर्ज का भार था, वही 2023 में यह 20 अरब तक पहुँच गया है। विदेशी मुद्रा भंडारण ( forex reserve) और गोल्ड रीजर्व भी तेजी से घट रहा है। पाक का विदेशी मुद्रा भंडारण में 430 करोड़ डॉलर बचा है।
महगांई आसमान छू रही है। आम लोग आटे के तरस रहे हैं।अभी पाकिस्तान में प्याज 220 रुपये केजी, चिकन 210 रुपये केजी,नमक 49 रुपये, बासमति चावल 146, सरसों तेल 532 रुपये केजी,ब्रेड पैकैट 89 रुपये में मिल रहे हैं।
पाकिस्तानी सरकार कर्ज के लिए आईएमएफ ,(IMG) अमेरिका,अरब जैसै देशों से गुहार लगा रहा है, जबकि तीन महीने पहले उन्होने 5 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया था।

आइए हम जानते हैं कि पाकिस्तान की आर्थिक संकट ( pakistan crisis)का क्या कारण है?
पहला कारण है राजनीतिक अस्थिरता
हम सभी जानते हैं पाकिस्तान में एक भी प्रधानमंत्री ने अब तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है, सरकार बदलने से नीतियों में भी बदलाव होता है। राजनीतिक अस्थिरता के कारण विदेशी कंपनियाँ निवेश करने में झिझकती है।
दूसरे कारण की बात करे तो वह है प्राकृतिक आपदाएँ (natural disasters). पिछले साल जून में भयंकर बाढ़ के कारण 1700 पाकिस्तानी लोगों की जान गई थी, लगभग 30 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे और 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
यदि पाकिस्तान इस आर्थिक संकट का हल नहीं ढू़ढ़ पाया दिवालिया होना पड़ सकता है।
अब हम जानते हैं पाकिस्तान इस संकट से कैसै उबड़ सकता है?
पाकिस्तान के कई सारे जनता और एक्सपर्ट का मानना है कि पाक को कश्मीर को भूलकर भारत के साथ रिश्ते सुधारने चाहिए। पाक रक्षा विशेषज्ञ शहजाद चौधरी ने ऐक्सप्रेस ट्रिब्यून के आर्टिकल में लिखा
” दुनिया जानती है अमेरिका और रुस एक दूसरे के दुश्मन है फिर भारत दोनों देशो से व्यापार करता है और दोनों देश भारत के सपोर्ट में खड़े हैं। रुस-यूक्रेन वार के समय भी भारत रुस से तेल खरीद रहा था। बिजनेस हो या आईटी या मीलिट्री भारत मजबूत स्थिति में है। पाकिस्तान को भी अपनी नीती सुधारनी चाहिए।
उन्होने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की कि किस तरह उन्होने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। आज भारत में सउदी अरब जैसै देश इनवेस्ट करने के लिए तैयार है वही पाकिस्तान का प्रिय मित्र चीन भी पीछे हट रहा है।”
पाकिस्तान को अपनी हालात सुधारने के लिए अतांकवादी गतिविधि को बंद कर विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए ईन्वाइट करना चाहिए।
जहाँ एक तरफ पाकिस्तानी जनता आटे के लिए तरस रहे हैं वही पाकिस्तान नेता और सेना अधिकारी के परिवार वालों की संपति अरबों में है। अभी देश की महंगाई 25 फीसद तक पहुच गया है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के परिवारों की संपति 700 करोड़ पाकिस्तानी रुपये है, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संपति 1.6 बिलियन डॉलर है, नवाज शरीफ ने लंदन में खरीद रखा है।
वही पूर्व क्रिकेटर और पीएम इमरान खान की संपति 50 मिलियन डॉलर है। पूर्व राष्ट्रपति आसीब अली जरदारी की संपति 1.8 बिलियन डॉलर है।
एक पाकिस्तानी के अनुसार पूर्व रिटायर चीफ जनरल जावेद बाजवा के 6 सालों के कार्यकाल के दौरान उनके परिवार वालों 12 अरब से अधिक की संपति बनाई।
तो ये पाकिस्तान में आर्थिक संकट के कारण और इससे निकलने के उपाय, क्या हमारे प्वाईंट से सहमत हैं? अवश्य बताए