यूक्रेन से जारी जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी नेताओं को न्यूक्लियर हमले की चेतावनी दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बातचीत में पुतिन ने हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु हमले का जिक्र किया।
इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने मैक्रों से कहा कि जंग जीतने के लिए आपको प्रमुख शहरों पर परमाणु हमले करने की आवश्यकता नहीं होती है, द्वितीय विश्व युद्ध इसका उदाहरण है।
क्या पुतिन यूक्रेन में परमाणु हमले का मन बना चुके हैं?
वहीं, एक सूत्र ने कहा कि पुतिन से बातचीत के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों काफी चिंतित थे। उन्हें ऐसा लग रहा था कि पुतिन कीव को छोड़कर यूक्रेन के पूर्वी इलाके में परमाणु हमला कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक दोनों राष्ट्रपतियों ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के जोखिम पर चर्चा की। पुतिन ये संदेश देना चाहते हैं कि उनके पास परमाणु हमले समेत सभी ऑप्शन मौजूद हैं। मतलब पुतिन यूक्रेन में हिरोशिमा और नागासाकी की तरह कुछ करना चाहते हैं।
अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर किया था परमाणु हमला
आपको बता दें अमेरिका ने हिरोशिमा शहर पर 6 अगस्त 1945 को परमाणु हमला किया था। इसके तीन दिन बाद यानी 9 अगस्त को उसने नागासाकी शहर को बर्बाद कर दिया था इन हमलों में लाखों लोगों की मौत हो गई थी।
हजारों की संख्या में लोग अपाहिज हो गए थे। दोनों जगहों की बमबारी में 1,29,000-2,26,000 लोगों की मौत हुई थी। हिरोशिमा हमले में 20 हजार सैनिक मारे गए थे।
इसके बाद जापान ने 15 अगस्त को अमेरिका के सामने सरेंडर कर दिया था। इसी हमले के साथ द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ था।
जहां तक रूस यूक्रेन युद्ध का सवाल है तो दोनों देशों के बीच पिछले 9 महीने से जंग जारी है। इस युद्ध में न तो पुतिन की जीत हुई है और न जेलेंस्की की हार। ऐसे में दोनों देशों के बीच ये जंग कब तक जारी रहेगी, ये कहना मुश्किल है।
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को युद्ध शुरू हुआ था। इस दौरान रूस ने यूक्रेन को बुरी तरह तबाह कर दिया। यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो गए। लाखों लोग पलायन कर गए। रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर लिया। इसके बावजूद भी यूक्रेन ने हार नहीं मानी है।
इस युद्ध में यूक्रेन ने रूस का डटकर सामना किया। रूस को सबक सिखाने के लिए पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की खूब मदद की। इसी के सहारे जेलेंस्की डटे रहे और रूस का मुकाबला करते रहे।
पुतिन चाहते थे कि यूक्रेन इस युद्ध में जल्द हार मान जाएगा। मगर ऐसा हुआ नहीं। और अब आलम ये है कि इस जंग में पुतिन खुद को हारा हुआ महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि वो बौखलाए हुए हैं और किसी भी तरह यूक्रेन पर जीत हासिल करना चाहते हैं।
वहीं, जानकारों का कहना है कि पुतिन इस जंग को जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे में पुतिन का ये इशारा परमाणु हमले को लेकर है। वैसे भी पुतिन कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं।
अब पुतिन के दिमाग में क्या चल रहा है ये तो वही जानते हैं।