Drugs आज हमारे देश के युवाओं को अपना शिकार बना रही है, यही बड़े बड़े वॉलीवुड सेलेब्रेटी भी इसके शिकार हो चुके हैं।
आज हम जानेगें बिलियन डॉलर ड्रग बिजनेस किस प्रकार काम करता है? कैसी हुई इसकी शुरुआत? क्या भारत को ड्रग से छुटकारा मिल सकता है?
आपने अक्सर सुना होगा कि पुलिस ने करोड़ो का ड्रग्स पकड़ा, फलाना वॉलीवुड सेलेब्रेटी ड्रग केस में पकड़ा गया, आइए जानते हैं ये ड्रगस होता क्या है?
ड्रग्स सुनते ही हमारे दिमाग में आता है नशीला पदार्थ जो हमारे सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।
जैसै कि हेरोईन, कोकिन इत्यादि । आपको बता दें दुनिया के 80% लोग किसी न किसी रुप में ड्रग्स का सेवन करते हैं। हम रोजमर्रा के जीवन जितने भी मेडिसीन का सेवन करते हैं आमतौर पर उन्हे ही ड्रग्स कहा जाता है। ये सर दर्द, पेट दर्द, विटामिन की गोली भी ड्रग्स का एक प्रकार है।
ड्रग्स को दो भागों में बाँट सकते हैं पहला जिनका इस्तेमाल हम बीमारियों से बचाव के लिए करते हैं। दूसरा जिसका इस्तेमाल हम एडिक्शन के रुप में करते हैं।
जैसै कि अफीम, हेरोइन, कोकिन, मारिजुआना इत्यादि।
आइए जानते हैं भारत में ड्रग्स का बिजनेस का इतिहास जानते हैं
भारत में अफीम की खेती अंग्रजो के समय शुरु हुआ। उस समय चीन चाय का सबसे बड़ा उत्पादक था और यूरोप में बाजरों में चाय की बहुत ज्यादा मांग थी लेकिन चीनी चाय के बदले में सिर्फ सिल्वर की मांग करते थे।
चालाक अंग्रजो ने एक प्लान बनाया, उन्होने लाखो चीनी लोगों को अफीम का लत लगाया और साथ ही बिहार, बंगाल और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में अफीम की खेती करवाना शुरु किया। अंग्रेज अफीम को चीन भेजने लगे बदले में चीन चाय भेजने लगा।
आजादी के बाद अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए लेकिन यहाँ उगाये जाने वाले अफीम और दूसरे देशों से आने वाले नशीले पदार्थ को नियंत्रित करने के लिए कोई central authority नहीं थी, तभी इस धंधे में ड्रग माफिया का उदय हुआ। आज ये माफिया पूरे भारत में फैलै हुए हैं।
International Narcotics central board के अनुसार भारत आज जक ड्रग का मेजर हब बन चुका है।
नेशनल क्राइम रिपोट ब्यूरों NCRB के अनुसार 2020-21 में NDPS एक्ट में 60,000 से अधिक केस रजिस्टर हुए।
मेट्रो सिटीज की बात करें तो मुम्बई में सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए। मुम्बई में ड्रग माफिया बड़े पैमाने पर फैलै हैं जो आम लोगों के साथ वॉलीवुड सेलेब्रटी को ड्रग्स सप्लाई करते हैं।
आइए जानते हैं ड्रग्स मुम्बई में कैसै आता है?
म्यानमार, थाईलैंड, लाओस जैसै देशों को golden triangle कहा जाता है यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अफीम उतपादक है। इन्ही देशों के द्वारा मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड में ड्रग्स भेजा जाता है इसके बाद लोकल ड्रग माफिया इसे पूरे इंडिया में भेजा जाता है।
कई सारे प्रकार के ड्रग्स कोलंबिया, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, नाईजीरिया से मुम्बई में सप्लाई किया जाता है।
आपको बता दें कि ड्रग माफिया ड्रग तस्करी के लिए युवाओ का इस्तेमाल करते हैं खासतौर पर सुंदर महिलाओं का। मुम्बई पुलिस के मुताबिक भारत के अलग- अलग शहरों से महिलाओं की भर्ती की जाती है, ये महिलाओं इंग्लिश भी बोल सकती है ताकि पुलिस इनपर शक न कर सके। ड्रग माफियाओं का मानना है कि महिलाओं की गंभीरता से चेकिंग नहीं होती है।
ये महिलाएँ मिठाई के डिब्बे, मेकअप बॉक्स , लाख की चुड़ियाँ में ड्रग्स की तस्करी करती हैं।
इन महिलाओं को ड्रग्स तस्करी की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।
आइए जानते हैं भारत को ड्रग्स मुक्त कैसै किया जा सकता है?
कई एक्सपर्ट का मानना है कि आजकल युवाओं में ड्रग्स को लेकर अवेयरनेस की कमी है। हमारे समाज में स्मोकिंग को एक्सेप्टेबल माना जाने लगा है, स्मोकिंग की लत के बाद युवाएँ हेरोइन, कोकिन, LSd का सेवन करने लगते हैं।
इसके अलावा पुलिस को और सख्ती दिखाने की जरुरत है। सरकार को भष्ट अधिकारियों को सजा देने की जरुरत है।