मोहम्मद अजहरुद्दीन( Md Azharuddin biography in hindi का जन्म 8 फरवरी 1963 को हैदराबाद के तेलंगना राज्य में हुआ था बचपन से ही हैदराबाद में बड़े हुए और आल सेंट हाई स्कूल से शिक्षा प्राप्त की । उस दौरान स्कूल में क्रिकेट का प्रशिक्षण काफी अच्छी तरह से दिया जाता था । तभी उनकी दिलचस्पी इस खेल में हुई और क्रिकेट खेलते-खलते बैचलर ऑफ़ कॉमर्स में ग्रेजुएट हुए।
आज हम क्रिकेट के एक ऐसे कप्तान के बारे में बात करने वाले हैं जो भारत के लिए सफल कप्तान तो रहे ही साथ ही अपने खेल के साथ टीम इंडिया को आगे लेकर आया । हम बात कर रहे हैं कलाइयों के जादूगर मोहम्मद अजहरुद्दीन की ।
मोहम्मद अजहरुद्दीन(Md Azharuddin), क्रिकेट का वो धूमिल सितारा जो चमकने से पहले ही फीका पड़ गया। इस पूर्व भारतीय कप्तान की महानता की दास्तान तभी शुरु हो चुकी थी जब अपने पहले तीन टेस्ट मैचों में तीन शतक के साथ वह अंतरराष्ट्रीय मैच में लगाए थे।अजहर ने 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में एंट्री मारी थी।
पहले 3 टेस्ट में लगातार 3 शतक मारकर जल्द ही अजहरुद्दीन ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति हासिल कर ली। एक क्रिकेटर के रूप में वे अपनी बैटिंग स्टाइल के लिये जाने जाते थे। एक प्रसिद्ध क्रिकेट राइटर जॉन वुडकॉक ने अपने लेखो में उनकी काफी तारीफ भी की थी और साथ ही यह भी कहा था की इससे बेहतरीन क्रिकेट डेब्यू उन्होंने कभी नही देखा। उस समय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ और सिर्फ मोहम्मद अजहरुद्दीन की ही चर्चा हो रही थी।

1990 में उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी सौंप दी गई। जब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने तो सबसे सफल कप्तान साबित हुए। क्या रुतबा हुआ करता था तब उनका ! तीन विश्व कप में भारत का नेतृत्व करने वाले और एक दौर में टीम को 90 जीत दिलाने वाले, वह सबसे सफल भारतीय वनडे कप्तान कहलाते थे। लेकिन 5 दिसंबर 2000 की तारीख ने, अजहर के लिए सब कुछ बदल दिया।
कौन सोच सकता था कि भारत का ये सफलतम कप्तान और शानदार क्रिकेटर फिक्सिंग की फांस में फंसेगा । वो आजीवन प्रतिबंधित कर दिए गए।
फिर एक सांसद के तौर पर नई पारी शुरू हुई। वर्ष 2009 में मुरादाबाद से कांग्रेस सांसद बने।
क्रिकेट करियर
मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर जितना शानदार रहा उतना ही विवादों से घिरा हुआ रहा उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में लगातार शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय टीम की कप्तानी भी शानदार की लेकिन स्पॉट फिक्सिंग, खिलाड़ियों से गलत व्यवहार, मीडिया की अफवाह, आदि चीजों से लगातार विवादों में रहे|
अजहर भारत में धोनी के बाद सबसे सफल वनडे कप्तान हैं। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1990 से 1999 तक भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करी थी।
• अजहर की कप्तानी में भारत ने 47 टेस्ट मैच खेले जिसमें भारत को 14 मैचों में जीत और 14 मैचों में हार का सामना करना पड़ा तो वहीं वनडे में अजहर ने 174 मैचों में कप्तानी की है और 90 मैचों में जीत औऱ 76 मैचों में हार का सामना करना पड़ा ।
उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 99 मैच खेले वहीं वनडे करियर में 334 मैच खेले।
अजहरुद्दीन ने अपने टेस्ट क्रिकेट में 37 की औसत से 45 और 7 एक दिवसीय शतक के औसत से कुल 22 शतक बनाए थे।
– टेस्ट करियर में उन्होंने 6215 रन बनाए, जबकि वनडे में उनके नाम पर 9378 रन हैं। वनडे में अजहर के नाम पर 12 विकेट भी दर्ज हैं।
– टेस्ट करियर में उनका हाइएस्ट स्कोर 199 रहा उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ मारे थे । वहीं वनडे में 153* उनका बेस्ट स्कोर है।
– अजहर के नाम पर डेब्यू के बाद लगातार तीन मैचों में सेन्चुरी लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।
– 1991 में उनका नाम विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द इयर में शामिल किया गया था।
– एक फील्डर के रूप में उन्होंने 156 कैच वन-डे क्रिकेट में पकडे है।
आरोप
अपने करियर के अंतिम दिनों साउथ अफ्रीकन कप्तान हंसी क्रोंजे ने उनपर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था, तभी भारतीय सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया। तभी 2000 में ICC और BCCI ने अजहरुद्दीन को बैन किया। हालांकि 8 नवंबर 2012 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रतिबंध को खारिज कर दिया था, लेकिन तब तक अजहर अपना क्रिकेट करियर समाप्त कर चुके थे।
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 8 नवंबर 2012 को इम्पोज़ कर दिया अजहरुद्दीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाकर कहा था की केस काफी लम्बे समय तक चला और ये समय उनके लिए बहुत दर्द भरा रहा था 11 साल तक कोर्ट में लड़ते रहे और कोर्ट ने बैन को लिफ्ट कर दिया।
पर्सनल लाइफ
मो.अझरुद्दीन का पहला निगाह नौरीन से हुआ और ऊनसे ऊन्हें अयाज और असद नामक दो बच्चे भी थे। नौरीन काफ़ी शांत और सिंपल लाइफ बिताती थी। mohammad Azharuddin First wife का शादी के 9 साल बाद दोनों के बीच तलाक हो गया।
ऊसके बाद मुंबई की ऊस वक्त की मशुहुर अदाकारा संगीता बिजलाणी के साथ ऊन्हाने 1996 में दुसरा निगाह कर लिया। पर ऊनका रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चला और 2010 में दोंनो अलग होने का फैसला लिया।
इसकी वजह थी अज़हर और BadmintoStar ज्वाला गुट्टा के बीच नजदिकिया जो बाद में गलत साबित हुई।
ज्वाला का कहना था कि अजहर मेरे परिचित हैं। उन्होंने हमेशा मेरी मदद की है।
भारतीय पूर्व क्रिकेटर का नाम शन्नो मेरी तलवार से उनका नाम जुड़ा जो अमेरिका से है।
उसके दो पुत्र हैं -असदुद्दीन और अयजुद्दीन। 2011 में उनके छोटे बेटे अयजुद्दीन की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अयाजुद्दीन की स्पोर्ट्सबाइक “सुजुकी जीएसएक्स-आर 1000”, उनके पिता से एक ईद उपहार था जिस पर दुखद दुर्घटना हुई।
अवार्ड्स (Mohammad Azharuddin Awards)
1985 में बेस्ट इंडियन क्रिकेटर का पुरस्कार मिला।
1986 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।
1988 में पद्म श्री से नवाजा गया।
1991 में अजहर विजडन क्रिकेटर ऑफ दी इयर के लिए चुने गये।
राजनीतिक करियर
अजहरुद्दीन 19 फरवरी 2009 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए थे। उसी वर्ष, कांग्रेस में रहते हुए, उन्होंने 2009 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से भी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।एक सांसद के तौर पर नई पारी शुरू हुई। वर्ष 2009 में मुरादाबाद से कांग्रेस सांसद बने।
Film based on his life
फ़िलहाल उनके जीवन पर आधारित एक फ़िल्म बनाई गई हे। टोनी डिसूजा के डायरेक्शन में बनी उस फ़िल्म का नाम “अज़हर” है। इस फ़िल्म में अज़रुद्दीन का किरदार इमरान हाशमी, नौरीन की भूमिका प्राची देसाई, संगीता बिजलानी का किरदार नरगिस फाखरी और हुमा कुरैशी मुख्य भूमिका में नज़र आया था। और यह फ़िल्म 13 मई 2016 को रिलीज़ हुई थी।