‘सिराज’ नाम तो सुना होगा
डेब्यू के दौरान अधिक रन देने पर लोग जिस सिराज (md Siraj)को टीम से बाहर करने की बात कर रहे थे आज वही सिराज आज वनडे में वर्ल्ड का नंबर 1 गेंदबाज है, आपको बता दें कि सिराज वनडे में नम्बर 1 गेंदबाज बनने वाली तीसरे गेंदबाज हैं इनसे पहले कपिल देव और जसप्रीत बुमराह ही इस मुकाम तक पहुँचे हैं।
आईए जानते हैं कैसै एक साधारण ऑटो ड्राईवर का बेटा बड़े बड़े बल्लेबाजों को धूल चटा रहा है।
भारत में क्रिकेट एक स्पोर्ट नहीं है,बल्कि जूनून है। हमारे देश में कई सारे लोग भारत के लिए खेलना चाहते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग होते हैं जिन्हे नीली जर्सी पहनने का मौका मिलता है। सिराज(Md Siraj biography) उन्ही में से एक हैं जिन्होने मेहनत के दम पर अपने सपने को पूरा किया।
सिराज का जन्म हैदराबाद में 13 मार्च 1994 को हुआ।
इनके पिता मोहम्म्द गौस एक ऑटोड्राईबर थे और माँ शबाना बेगम एक हाउसवाईफ थी जो घर की हालात सुधारने के लिए दूसरों के घरों में काम करती थी।
इनका भाई मोहम्म्द इस्माईल जो कि एक सॉफ्टबेयर इंजीनीयर है, इस्माईल भाई को काफी क्रिकेट में सपोर्ट किया। इन्हे सिराज के टैलैंट पर पूर भरोसा था।
सिराज की स्कूली शिक्षा सफा जूनियर कॉलेज नामपल्ली हैदराबाद से हुई। (Siraj)सिराज सिर्फ 12वीं पास है।

इन्हे बचपन से ही क्रिकेट में काफी रुचि थी, इन्होने स्कूल के दौरान ही क्रिकेट खेलना शुरु किया। आपको बता दें कि जो सिराज आज बड़े बड़े बल्लेबाजों की गिल्ल्याँ उड़ा रहा है शुरुआत में बैटिंग करते थे। अपने दोस्त के कहने पर उन्होने बॉलिंग पर ध्यान देना शुरु किया।
सिराज चप्पल पहनकर प्रैक्टिस करते थे क्योकिं इनके घर की हालात अच्छी नहीं थी।
वे कभी क्रिकेट कोचिंग लेने अकेडमी नहीं गए क्योकिं उनके पास पैसै नहीं थे।
सिराज ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘ अच्छा हुआ मैं अकेडमी नहीं गया, नहीं तो मुझे सिखाया जाता हाथ ऐसे करो, ये करो वो करो वगैरह”।
अब तक सिराज(siraj) बॉलिंग तो कर रहे थे लेकिन बड़े स्तर पर अपनी टैलैंट को दिखाने का मौका नहीं मिला था। 2015 में वह मौका आया जब चारमीनार क्लब से खेलने का न्यौता मिला जहाँ उन्होने प्रदर्शन सबको प्रभावित किया और उनहे स्टेट अंडर 23 के लिए चुने जाने पर विचार किया जाने लगा।
और वो दिन 15 नवम्बर 2015 को आ गया जब उन्हे पहली बार अपने स्टेट हैदराबाद के लिए रण्जी खेलने का मौका मिला। उनका पहला मैच अच्छा नहीं गया इसके बाद पूरे सीजन खेलने का मौका नहीं मिला।
लेकिन 2016-2017 रण्जी ट्रॉफी में सिराज ने शानदार प्रदर्शन किया, और 41 विकेट लेकर हैदराबाद को क्वाटर फाईनल में पहुचाने में मदद की। वे इस साल वे टूनामेंट के थर्ड हायईस्ट विकेट टेकर थे।
रण्जी में इनके अच्छे प्रदर्शन ने आईपीएल टीमों का ध्यान खीचा। 2017 में सनराईजर्स हैदराबाद ने इन्हे 2.6 करोड़ में खरीदा।
हलांकि इन्हे आरसीबी खरीदने वाली थी लेकिन उनके पर्स में पैसै नहीं बचे। सिराज ने दोस्तों को बताने लगे उन्हे आरसीबी ने खरीदा है, बाद में पता चला वो गलत थे।
फिर 2018 में आरसीबी ने उन्हे खरीद लिया।
2019 में सिराज(md Siraj) ने काफी पर्दर्शन किया, ट्रोलर्स ने यहाँ तक कहा कि ‘ जा अपने बाप के साथ ऑटो चला’ लेकिन कप्तान विराट कोहली को उनपर भरोसा था, टीम ने उन्हे रीटेन किया और 2020 में उन्होने शानदार प्रदर्शन किया खासकर केकेआर के खिलाफ। इस मैच में उन्होने लगातार दो मेडन डाले, ऐसा करने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं।
इस पहले उन्हे अक्टूबर 2017 में न्यूजीलैड के खिलाफ टी-20 डेब्यू करने का मौका मिला, इस मैच में उन्होने 53 रन देकर केन विलियमसन का विकेट लिया।
जनवरी 2019 में उनका ओडीआई डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ।
2020 में ऑस्टेलिया के साथ होने वाले बॉडर गवास्कर ट्रॉफी के लिए चोटिल मो. शमी की चुना गया।
और 26 दिसम्बर यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट पर टेस्ट डेब्यू किया। और भारत के लिए टेस्ट खेलने का सपना पूरा हुआ। इसी टूर पर उनके पिता का देहांत हो गया, वे काफी दुखी हुए,वे घर आना चाहते थे लेकिन पिता चाहते थे बेटा देश का नाम रौशान करे।
इस सीरीज में कोहली घर लौट आए और बुमराह, जडेजा, जैसै दिग्गज खिलाड़ी चोटिल हो गए, भारत को नेट बॉलर को खिलाना पड़ गया था, और चौथे टेस्ट(जनवरी 2021) में अपने इंटरनेशनल कैरियर का पहला पाँच विकेट हॉल लिया और भारत को सीरीज जितवाने में मदद की।
इसी साल इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस में दूसरे टेस्ट में सिराज ने 8 विकेट लिए।
सिराज(Siraj) ने बताया कि इस मैच में जब इन्होने जेम्स एंडरसन का बोल्ड किया उनका सबसे यादगार विकेट है।
इसके बाद सिराज ने वाईट बॉल में अपनी गेम को सुधारा और आज वे वनडे रैकिंग के नम्बर 1 बॉलर हैं।
तो ये थी मोहम्मद सिराज(md Siraj biography) की कहानी, आपको कैसी लगी हमें अवश्य बताएँ।