हमारे पड़ोसी देश नेपाल के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं। यहां हर रोज ही कई उड़ाने उड़ती हैं।
नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते समय येती एयरलाइंस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कम से कम 62 यात्रियों की मौत हो गई।
विमान में पांच भारतीय और 72 यात्री सवार थे। विमान में 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थें। पोखरा इस हिमालयी देश में एक मशहूर टूरिस्ट स्पॉट हैं।
विमान काठमांडू से आ रहा था और एयरपोर्ट के पास आ कर अचानक क्रैश हो गया। नेपाल में पहले भी इस तरह के हादसे देखने को मिलते हैं।
इस बार का हादसा कुछ ज्यादा ही भयानक बताया जा रहा। नेपाल में एक साल में कम से कम एक विमान हादसे का शिकार हो ही जाता हैं।
साल 2010 के बाद कम से कम 11 विमान हादसे देखने को मिले। नेपाल में आखिरी विमान हादसा पिछले साल 29 मई को हुई थी।
जब तारा विमान क्रैश हुआ था और उसमे सवार सभी 22 लोगो की मौत हो गई थी। यहां विमान हादसा नेपाल के मस्तग जिले में हुई थी।
हादसे के तुरंत बाद राहत बचाव का कार्य शुरू हो गया था। आइए जानते हैं क्यों होते हैं नेपाल में इतने प्लेन क्रैश!
विमान हादसे के कारण

नेपाल में बार बार प्लेन क्रैश होने के पीछे सबसे बड़ा कारण वह के ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं।
दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट भी नेपाल में ही स्थित हैं। पहाड़ों के चटट्नो को काटकर रनवे बनाएं गए हैं।
रनवे की लंबाई भी सीमित होती हैं। थोड़ी सी असावधानी से विमान खाई में गिर सकती हैं।
नेपाल के एयरपोर्ट पर एक तरफ रनवे हैं तो दूसरी तरफ खाई। ऐसे में पायलट्स को बड़े ही बैलेंस तरीके से प्लेन को लैंड करना पड़ता हैं और वह पल पल में मौसम भी बदलता रहता हैं।
जिससे और खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती हैं। इसी लिए बड़े अनुभवी और ट्रेंड पायलट ही ही रनवे पर उतरने दिया जाता हैं।
यही वजह है कि नेपाल में हर साल कोई ना कोई हादसे होते ही रहते हैं।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि लुकला के पूर्व उत्तर भाग में तेनजिंग-हिलेरी एयरपोर्ट को दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट के रूप में जाना जाता हैं।
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्रधिकरण की साल 2019 की एयर सिक्योरिटी रिपोर्ट के अनुसार, मौसम पैटर्न की विविधता विमान संचालन के लिए मुख्य चुनौतिया हैं।
नेपाल में लगभग 3 करोड़ लोग रहते हैं। यहां दुनिया के 14 सबसे बड़े पहाड़ों में से माउंट एवरेस्ट समेत 8 स्थित हैं।
हादसे में बड़े विमानों की तुलना में छोटे विमानों से संबंधित हादसों की संख्या ज्यादा हैं। पिछले 30 सालो में यहां नेपाल का 28 वा विमान हादसा हैं।
इस हादसे के बाद नेपाल में उड़ानों के जोखिम पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार नेपाल का एकमात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट समुद्र तल से 1,338 मीटर ऊपर एक संकरी घाटी में हैं, इस वजह से विमानों को मुड़ने के लिए काफी कम जगह मिलती हैं, जो कि घटनाओं का मुख्य कारण हैं।