इन हमारे देश में कई तरह के स्टार्टअप अपनी प्रोडक्ट से हमारी समस्या को सुलझा रही है और अपनी पहचान बना रही है। ऐसे ही है एक स्टार्टअप गोबर वाला डॉट कॉम जो गोबर से हमारे सेना की वर्दी तैयार कर रही है, ये वर्दी हमारे जवानों के लिए रेगिस्तानों में ठंडक देगी, चोट लगने पर पट्टी की तरह काम करेगी ।
आइए जानते हैं क्या सच में ऐसा संभव
हाल ही में कोटा के दशहरा मैदान में कृषि महोत्सव का आयोजन किया गया इस महोत्सव का उद्धाघाटन किसान कल्याण मंत्री एवं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और राजस्थान के पशुपालन मंत्री एवं कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया की मौजूदगी में किया गया।

इस कृषि महोत्सव में कई सारे स्टार्टसअप ने अपना प्रोडक्ट पेश किया जिससे किसानों की आय दोगुनी हो सके।
आईटीटीएन डॉ. सत्य प्रकाश की कंपनी गोबर वाला डॉट कॉम गोबर खरीदकर ऐसी प्रोडक्ट बनाते हैं जिसके द्वारा सेना की यूनिफॉर्म बन रही है, बंजर जमीन को भी उपजाऊ बनाई जा सकती है, पुताई के लिए रंग भी बनाया जा रहा है।
इनकी कंपनी गोबर से केमिकल प्रक्रिया के द्वारा नैनोसैलूलोज करती है,आपको बता दें कि एक नैनोसैलूलोज की कीमत 40 डॉलर तक प्रति ग्राम बिकता है और एक किलो गोबर से 6-10 ग्राम नैनोसैलूलोज निकाला जाता है यानी करीब 1 किलो गोबर से 15-20 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं।
गोबर से नैनोसैलूलोज निकालने के बाद बचे हुए लिग्निन को भी 45 रूपए प्रति किलो बेचा जा सकता है क्योकिं इसका उपयोग प्लाई बनाने में किया जाता है।
सत्य प्रकाश इसके प्लांट पूरे राजस्थान के गौशाला में लगवाना चाहती है ताकि नैनोसोलूलोज भी जमा हो सके और किसानों को अच्छी आय भी। उन्होने बताया कि जहाँ एक क्विंटल गोबर जमा किया जा सकता है वहाँ इसका प्लांट लगाया जा सकता है।
आपको बता दें सत्य प्रकाश कोटा के जय हिंद नगर के रहने वाले हैं, उन्होने 2003 में आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया और 2007 में केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी किया। सत्य प्रकाश ने नेशनल इंस्टियूट मैनैजम़ेट मुंबई से एमबीए किया और इनकी जॉब दुबई के एक ऑयल कंपनी में लगी लेकिन जॉब तोड़ दिया और गाय बकरी, भैस जैसै पशुओं के गोबर पर रिसर्च किया और गोबर वाला डॉट कॉम की स्टार्ट अप की शुरुआत की।
गोबर वाला डॉट कॉम के फाउंडर सत्य प्रकाश ने मीडीया को बताया कि उनकी कंपनी डीआरडीओ के साथ मिलकर सैनिकों के लिए वर्दी बना रहे हैं। उन्होने बताया कि नैनोसैलूलोज से वे फाईबर बना रहे हैं जिससे वर्दी तैयार होगा। ये वर्दी काफी मजबूत और हल्के होगे और पसीने को जल्दी सोख लेगे और खास बात खराब होने पर खाद के रुप में उपयोग की जा सकती है।