पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) इस समय चौतरफा खेल चल रहा है।
एक तरफ वहां की जनता जहां दाने-दाने के लिए तरस रही है वहीं पाकिस्तान के सियासत मंद आपस में ही लड़ रहे हैं।
शहबाज शरीफ सरकार (Shahbaz Sharif) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के भाषण ‘लाइव और रिकॉर्डेड’ के प्रसारण पर बैन लगा दिया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सभी स्पीच को पूरी तरह से मीडिया पर बैन कर दिया गया था।
पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) ने शनिवार को इमरान खान के भाषणों, प्रेस कॉन्फ्रेंस के लाइव प्रसारण या पुनः प्रसारण पर रोक लगा दी थी,
लेकिन एक घंटे बाद केंद्र सरकार ने PEMRA के आदेश को खारिज कर प्रतिबंध हटा दिया।
प्राधिकरण ने रोक यह कहते हुए लगाई थी कि इस तरह की सामग्री से लोगों में नफरत पैदा होगी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होगा।
बयान में कहा गया कि देश की लीडरशिप और उसके संस्थाओं के खिलाफ बयान संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है।
शहबाज सरकार ने हटाया बैन
PEMRA ने इस मामले में चेतावनी दी थी कि किसी भी तरह से इस आदेश का उल्लंघन करने पर बिना किसी कारण बताओ नोटिस के टीवी चैनल का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।
PEMRA के बयान जारी करने के लगभग एक घंटे से भी कम समय में सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया।
संघीय सरकार ने PEMRA अधिनियम की धारा 5 को लागू करते हुए प्राधिकरण से इमरान के भाषणों से प्रतिबंध हटा दिया।
PEMRA अधिनियम की धारा 5 संघीय सरकार को कुछ परिस्थितियों में प्राधिकरण की शक्तियों को निलंबित करने का अधिकार देती है।
इमरान ने लगाए आरोप
पाकिस्तानी पंजाब के वजीराबाद में पार्टी के लॉन्ग मार्च के दौरान इमरान को गोली मारी गई थी।
इस हमले में वह बाल-बाल बच गए। हमले में बचने के बाद शुक्रवार को पहली बार वह मीडिया के सामने आए और देश को संबोधित किया।
इस दौरान इमरान खान ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्ला और ISI चीफ इस हमले के पीछे हैं।
इमरान ने इन तीनों लोगों से इस्तीफे की मांग की है।
उन्होंने कहा कि जब तक ये तीनों लोग अपने पद पर रहेंगे तब तक किसी भी तरह से जांच सही नहीं हो सकती।
नही हो पाई इमरान की गिरफ्तारी

रविवार को पुलिस इमरान खान को गिरफ्तार करने उनके लाहौर के ज़मां पार्क स्थित घर पहुंची।
लेकिन वह अपने घर पर मौजूद नहीं थे। बता दें कि इमरान खान को तोशखाना मामले में पुलिस गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी।
इस बीच भारी संख्या में उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
तोशखाना मामले में कोर्ट के सामने पेश होने में लगातार विफल रहने के बाद इस्लामाबाद की एक अदालत ने 28 फरवरी को इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
हालांकि सात मार्च को अदालत में पेश होने का हवाला देकर वह इससे बच गए।