राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मानहानि का दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है। इसके बाद वो काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं।कई लोग इस सजा के खबर के बाद सोच रहे हैं कि क्या राहुल गांधी जेल जाएगे ? उनके राजनीतिक कैरियर का क्या होगा?
विपक्षी कह रहे हैं कि मोदी सरकार तानाशाह जैसै व्यवहार कर रहे हैं।
आइए जानते हैं पूरा मामला
दरअसल राहुल गांधी 2019 के आम चुनाव में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है। उन्होने कहा था कि
” बीजेपी कालाधन के खिलाफ लड़ाई की बात करें रहे हैं वे आपकों धूप में बैंक में लगवाकर बैंक में पैसा जमा करवा रहे हैं फिर आपको पता चलता है कि नीरव मोदी ,मेहुल चौकसे आपके पैसै लेकर भाग जाते हैं, अच्छा छोटा सा सवाल इन चोरों के नाम मोदी क्यों है? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी …”
इस बयान के बाद लोगों ने कहा कि पूरे कम्यूनिटी को बदनाम किया जा रहा है इसके बाद कई शहरों में राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किए गए।
सूरत कोर्ट ने बेजीपी नेता पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज कर
उन्हे 2 साल की सजा सुनाई है और कोर्ट से उन्हे 30 दिनों की जमानत भी मिल गई है।
कोर्ट ने कहा कि वे इस फैसले को हाइकोर्ट में चैलैंज कर सकते हैं.
राहुल गांधी ने इस सजा के बाद कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं था, राजनेता के तौर पर मैं हमेशा भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता हूँ।
इस सजा के बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है क्योकिं जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार यदि सांसद और विधायक को 2 साल साल से अधिक सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी और सजा पूरी होने के बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएगे।
राहुल गांधी को सजा सुनाई जाने के पीछे मोदी सरकार का हाथ बताया जा रहा है वही अदालत ने कहा कि सांसद के बयानों का जनता पर गहरा असर पड़ता है जो इस अपराध को गंभीर बनाता है।
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को कम सजा सुनाई गई तो इसका गलत संदेश जाएगा, मानहानि कानून का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। लोगों के खिलाफ अनाप शनाप बोलना आसान हो जाएगा.
वही सजा सुनाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने बेजीपी सरकार पर आरोप लगाए।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगो ने कहा कि हम शुरु से जानते थे कि ऐसा कुछ होगा।शुरुआत से ही जज बदले जा रहे थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम कहते रहे हैं कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है। न्यायपालिका, चुनाव आयोग, ईडी पर सरकार का कंट्रोल है उनका दुरुपोयोग किया जा रहा है।
वही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “गैर बेजीपी नेताओं और पार्टियों पर केस दर्ज कर उन्हे खत्म करने की साजिश की जा रही है। कांग्रेस से मेरा मदभेद है लेकिन राहुल गांधी को इस तरह फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सरकार सवाल पूछना।हम अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन उनके फैसले से असहमत हैं।”
वही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस घटना पर कहा ” डिस्टोर्ट, डिफेंस, डायवर्ड, मैं मोदी जी के स्टाइल में कह रहा हूँ। राहुल गांधी के बयान को डिस्टोर्ट यानी तोड़ मरोड़कर पेश किया गया, डिफेंस यानी उन्हे बदनाम किया गया। डायवर्ट यानी जनता को ध्यान भटकाया गया, जनता का ध्यान अडाणी मामले से भटकाया गया।
कई नेताएँ कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं, क्योकिं ये उतना भी सीरीयस बयान नहीं था। वही कांग्रेस नेता ने रेणुका चौधरी ने भी नरेन्द्र मोदी पर केस करने की बात कही है दरअसल 2018 में संसद में मोदी जी ने रेणुका ठाकुर पर कमेंट करते हुए राज्यसभा चेयरमैन से कहा था ” रेणुका जी को कुछ मत कहिए,रामायण सीरीयल के बाद ऐसी हंसी आज सुनने का सौभाग्य मिला है।”
इस कमेंट के बाद राज्यसभा में हंसी गूंजने लगी थी।
अक्सर बीजेपी सरकार पर आरोप लगते रहते हैं कि वे लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं विपक्ष को बोलने नहीं दे रहे हैं
आइए जानते हैं इसी जुड़ा है एक मामला
हाल ही में आम आदमी पार्टी ने 2024 की तैयारी की शुरुआत करते हुए मोदी हटाओ देश बचाओ अभियान शुरु किया. इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया और 100 से केस दर्ज कर चुकी है।
आप के नेताओं ने इसे तानाशाही बताया। गोपाल राय ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को मोदी हटाओ देश बचाओं के नारों से डर क्यों लग रहा है।
उन्होने कहा कि अंग्रजों के समय भी पोस्टर के लिए इतनी एफआइआर दर्ज नहीं किया गया था।
वही बेजीपी सरकार पर आरोप लगते रहते हैं कि सीबीआई, इडी सब उनके कंट्रोल में है, उनके इशारे पर ही छापा मारा जाता है।
आइए जानते हैं इसकी सच्चाई
एक रिपोर्टस के अनुसार ने 2018 से 2021 तक सीबीआई ने 124 नेताओं पर कारवाई की और इनमें से 118 यानी 95% नेता विपक्ष के थे। जो भी नेता सरकार के खिलाफ बोलते हैं उनपर कारवाई की जाती है।
तो ये थी राहुल गांधी और लोकतंत्र पर खतरे पर हमारी राय क्या आपको भी लगता है कि मोदी सरकार विपक्ष को दबाने का काम रही है. हमें अवश्य बताएँ।