जर्सी नम्बर 18 देखते ही दर्शकों में खुशी की लहर दौड़ जाती है, बड़े-बड़े गेंदबाज भी खौफ में रहते हैं, इन्हे रन मशीन के नाम से भी जाना जाता है
हम किंग कोहली की नहीं बल्कि स्मृति मंधाना (Smriti mandhana) biography की बात कर रहे हैं।
अर्जुन अवॉर्ड विजेता और दो बार आईसीसी वूम़ेस क्रिकेटर ऑफ द ईयर से सम्मानित स्मृति मंधाना के टैलैंट से पूरी दुनिया परिचित है।
आईए जानते हैं इनकी कहानी (smriti mandhana biography)
स्मृति का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुम्बई महाराष्ट्र में हुआ, इनके पिता का नाम श्रीनिवास मंधाना और माता का नाम स्मिता मंधाना है। ये जब दो साल की थी तभी इनका परिवार मुम्बई से सांगली शिफ्ट हो गई।
इनके पिता एक जिला लेवल पर क्रिकेट खेल चुके थे और अपने बच्चों को क्रिकेट खिलाड़ी बनाना चाहते थे जिससे वे देश का नाम रौशन कर सके। पिता जब बड़े भाई श्रवण को प्रैक्टिस करवाते थे तब स्मृति नेट के पीछे से भाई को बैंटिंग करते देखती थी, अक्सर वह बॉल उठाकर लाती थी कभी-कभार उन्हे 10-15 बॉल खेलने को मिलता था।
भाई श्रवण के मैच की खबर लोकल न्यूज पेपर में छपती थी तभी उन्होनै क्रिकेटर बनने का फैसला किया।
आपको बता दें कि स्मृति राईट हैण्डेंड हैं लेकिन बैंटिंग बाये हाथ से करती हैं क्योकिं उन्होने हमेशा अपने भाई को बाये हाथों से बैटिंग करते देखा।

स्मृति के खेल को उनके परिवार वालों ने उस समय सीरियसली लेना शुरु किया जब उनका चयन अंडर 19 में चयन हो गया, स्मृति उस समय मात्र 11 साल की थी।
स्मृति मंधाना (smriti mandhana biography) 2013 में मीडीया और क्रिकेट विशेषज्ञों की नजरों में आई जब उन्होने वेस्ट जोन अंडर 19 टूनामेंट में गुजरात के खिलाफ 150 बॉलों में 224 रनों की पारी खेली।
और वनडे में दोहरा शतक लगाने वाली भारत की पहली और एकमात्र महिला खिलाड़ी बनी
स्मृति प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय टीम में चयन किया गया और 5 अप्रैल 2013 में बंग्लादेश के खिलाफ पहला मैच खेलने का मौका मिला इस मैच में स्मृति ने 39 रन बनाए।
Smriti Mandhana Debut
इनका वनडे डेब्यू भी 10 अप्रैल 2013 को बंग्लादेश के खिलाफ ही हुआ।
टेस्ट क्रिकेट खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है और स्मृति को 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ ये सपना पूरा करने का मौका मिला। अपने पहले टेस्ट में स्मृति ने अपने टीम को जीत दिलाने में योगदान दिया, स्मृति ने पहली इनिंग में 22 रन और दूसरी इनिंग में 51 रन बनाए।
साल 2016 में उन्होने वूमेंस चैलैंजर ट्रॉफी में 192 रन बनाए और टूनामेंट की सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बनी।
इनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए 2016 में बीबीएल में साईन किया गया।
स्मृति का पहला इंटरनेशनर सेंचुरी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आई जहाँ उन्होने 109 बॉल में 102 रन बनाए।
2017 स्मृति और भारतीय महिला टीम के लिए खास था, भारतीय टीम 2017 के फाइनल में पहुँची थी और मात्र 9 रनों से फाइनल हार गई। इस टूनामेंट में स्मृति मंधाना (smriti mandhana) ने शानदार खेल दिखाया।
इंग्लैंड के खिलाफ 90 रन और वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके शतक ने भारत को फाईनल तक पहुँचाने में मदद की। आपको बता दें कि स्मृति इस टूनामेंट से पहले इंजरी से जूझ रही थी।
स्मृति मंधाना (smriti mandhana biography) को 2018 में वूमेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर और वूमेंस ओडीआई प्लेयर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला। इसी साल इन्हे अर्जुन अवॉर्ड भी मिला।
जून 2018 में स्मृति भारत की पहली खिलाड़ी बनी जिन्हे kia super league में खेलने का मौका मिला।
स्मृति को फरवरी 2019 में इंग्लैंड के खिलाफ t20 में कप्तानी करने का मिला और भारतीय टीम की सबसे कम उम्र में कप्तानी करने वाली खिलाड़ी बनी।
इन्होने 2021 में काफी रन बनाए और अपनी करियर में दूसरी बार वूमेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।
2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत सिल्वर मेडल जीता जहाँ फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों में हमें हार मिली थी, आपको बता दें कि सेमीफाईनल मैच में स्मृति ने धमाकेदार बैटिंग किया और इंग्लैंड को हराया।
आपको बता दें स्मृति की बहुत शौकीन है और सांगली में SM18 नाम से कैफै भी खोला हैं।
अब तक स्मृति मंधाना ने 4 टेस्ट में 325 रन, 77 वनडे में 3073 रन, और 110 टी20 में 2646 रन बनाए हैं।
हम आशा करते हैंआने वाले वर्ल्ड कप में स्मृति मंधाना ऐसे ही बढ़िया बल्लेबाजी करे और भारत को विश्व विजेता बनाए।