रूस और यूक्रेन के बीच 9 महीने से अधिक समय से जंग जारी है। इस जंग में अमेरिका यूक्रेन पर मेहरबान है। वो लगातार यूक्रेन की मदद कर रहा है। वहीं इस बीच खबर है कि अमेरिका ने एक बार फिर से यूक्रेन को मदद का ऐलान किया है।
अमेरिका फिर यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में 40 करोड़ डॉलर रुपए भेजेगा। खबर ये भी है कि अगर रिपब्लिकन पार्टी का संसद पर नियंत्रण हो जाता हैं तो रूस के खिलाफ युद्ध के लिए वित्तीय सहायता में थोड़ी कमी हो सकती है।
अधिकारियों के मुताबिक, सहायता पैकेज में बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और पहली बार एवेंजर वायुरक्षा प्रणाली शामिल होगी। यूक्रेन को ये अमेरिकी सहायता ऐसे समय मिलेगी, जब रूस ने प्रमुख यूक्रेनी शहर खेरसॉन से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है।
ऐसे में यहां पर कई सारे सवाल उठ रहे कि आखिर रूस की सेना अपने पांव पीछे क्यों खींच रही है। क्या अमेरिका से दी जाने वाली मदद के आगे रूस ने अपने घुटने टेक दिए हैं।
क्या रूस इस युद्ध में अपनी हार मान चुका है? ये वो कुछ सवाल है जो हर कोई सोच रहा है। रूस की सेना के पीछे हटने से अब यूक्रेन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
दरअसल रूस की सेना ने घोषणा करते हुए कहा कि वो यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन एवं उसके आसपास के क्षेत्रों से पीछे हट रही है।
इसके बाद यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि रूसी सैनिकों के पास एक प्रमुख दक्षिणी शहर खेरसॉन से पीछे हटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यूक्रेन के अधिकारियों ने कई बार चेतावनी दी है कि रूसी सेना की वापसी की घोषणा किसी भी को संदेह के साथ देखा जाना चाहिए।
उन्होंने मॉस्को पर यूक्रेनी सैनिकों पर घात लगाकर हमला करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ वालेरी जालुजनी ने कहा कि दुश्मन के पास भागने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।
क्योंकि कीव की सेना ने सैन्य मार्गों और आपूर्ति प्रणाली को नष्ट कर दिया है तथा दुश्मन की प्रणाली को बाधित कर दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सेना इस बात की पुष्टि या खंडन नहीं कर सकती है कि रूसी सेना वास्तव में खेरसॉन से पीछे हट रही है।
जैसा कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है। खेरसॉन से अपनी सेना का हटना रूस के लिए एक बड़ा झटका है। यही एकमात्र ऐसी प्रांतीय राजधानी थी जिस पर रूसी सैन्यबलों ने आठ महीने की लड़ाई के दौरान कब्जा किया था।
लेकिन इतना संघर्ष करने के बाद रूस ने खेरसॉन पर कब्जा किया था। ऐसे में रूस की सेना उस क्षेत्र से पीछे क्यों हट रही है। इसके पीछे यूक्रेन कहीं न कहीं रूस की बड़ी साजिश बता रहा है।
यूक्रेन का मानना है कि रूस किसी बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहता है। जिसकी लिए उसने अपनी सेना को वापस बुलाया है। हालांकि सोचने वाली बात तो ये जरूर है कि आखिर रूस अपनी सेना को वापस क्यों बुला रहा है।
या तो वो इस युद्ध को अब यहीं समाप्त करना चहता है इसका मतलब ये होगा कि रूस ने हार मान ली है। इससे रूस के रुतबे में दुनिया में कमी आयेगी कि रूस जहां खुद को एक महाशक्ति मानता है वहां वो एक छोटे देश से हार गया। ऐसे में ये देखना होगा कि आखिर पुतिन क्या सोच रहे हैं?