विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाने के लिए समावेशी, अफगान नेतृत्व वाली, अफगान-स्वामित्व वाली और अफगान-नियंत्रित सुलह प्रक्रिया के भारत के रुख को दोहराया।
गुजरात के सूरत में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक पर चर्चा के दौरान “वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका पर बातचीत में एक मीडिया ब्रीफिंग में बोलते हुए कहा कि अफगानिस्तान में दुखद चीजें हो रही हैं, लेकिन भारत तय नहीं कर सकता कि अफगानिस्तान में क्या हो रहा है, अफगानों को यह तय करना होगा कि अफगानिस्तान में क्या हो रहा है।
भारत मुश्किल समय में अफगान लोगों की मदद कर सकता है।आपको बता दें जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, देश को मानवाधिकारों, महिलाओं के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।