सपा ने विधान परिषद में नेता विरोधी दल का पद गंवा दिया है। एमएलसी लाल बिहारी अब नेता विरोधी दल के बजाय सिर्फ दल के नेता रहेंगे। इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी की गई।
प्रमुख सचिव डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि 27 मई को विधान परिषद में सपा के 11 सदस्य थे जिसकी वजह से एमएलसी लाल बिहारी यादव को नेता विरोधी दल बनाया गया था। लेकिन 7 जुलाई को सदन में सपा के सदस्यों की संख्या 9 हो गई ऐसे में सदस्यों की संख्या 10 से कम होने की वजह से पार्टी ने नेता विरोधी दल की मान्यता को भी गंवा दिया है।
दरअसल सपा के विधान परिषद के 10 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया है। जिसकी वजह से सपा से नेता विरोधी दल का पद भी समाप्त कर दिया गया है।