इनदिनों हमें सोशल मीडिया, टीवी और न्यूपेपर में स्टार्टअप शब्द काफी सुनने को मिलते हैं,आज हमारा देश स्टार्ट अप हब बन चुका है,भारत में 100 से अधिक यूनिकॉन कंपनियाँ है। कभी न कभी आपके दिमाग में अपना स्टार्ट अप शुरु करने का थॉट जरुर आया होगा,लेकिन पता ही नहीं है कि स्टार्ट अप कैसै शुरु करते हैं।
तो टेंशन लेने की जरुरत नहीं है आज हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताएँगे कि अपना स्टार्ट अप कैसै शुरु करें?
तो आइए शुरु करते हैं
स्टार्ट अप कैसै शुरु इससे पहले जानते हैं कि
स्टार्ट अप क्या है? ( What is startup?)
कई लोग बिजनेस और स्टार्ट अप को एक ही समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। स्टार्ट अप ऐसे आइडिया होती है जिसपर पहले कभी किसी ने नहीं किया हो।
जैसै किसी ने मार्केट में कपड़े की दुकान खोली तो वह स्टार्ट अप नहीं है, क्योकिं मार्केट में पहले से कई सारी कपड़े की दुकान मौजूद है।
बिजनेस का तय लिमिट तक ग्रोथ हो सकता है लेकिन स्टार्ट अप की ग्रोथ कोई सीमा नहीं है।
अक्सर देखा गया है कि बिजनेस को पीढ़ी दर पीढ़ी चलाया जाता है लेकिन स्टार्ट अप तीन साल में भी यूनिकॉर्न बन सकता है।
1 एक आइडिया चुने
यदि आप अपना स्टार्ट अप शुरु करना चाहते हैं कि आपके पास एक बढ़िया आइडिया होना चाहिए जिससे लोगों का काम आसान हो या कुछ नया एक्सपीरियंस हो।
आइडिया की इम्पॉर्टेंस आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं। दीपेंद्र गोलय के लोगों को घर बैठै खाना पहुँचाने की आइडिया ने आज जैमैटो बना दिया।
केरल के एक छोटे से गाँव में रहने वाले मुस्तफा को डोसा बचने का सिंपल आइडिया आया, आज उनकी कंपनी की
वैल्यूशन 2200 करोड़ से अधिक है।
2. प्लानिंग-
अपने स्टार्ट अप के लिए आइडिया सलेक्ट करने के बाद अच्छे तरीके से प्लानिंग करें। प्लानिंग करते समय ही यह सोचे कि क्या मेरा प्रोडक्ट या सर्विस लोगों को के लाइफ में वैल्यू एड कर पाएगा? क्या लोग इसके लिए पैसै चुकाएगे? क्या पहले से कोई कंपनी मेरे आइडिया पर काम कर रही है? यदि कर रही है तो मेरा प्रोडक्ट उससे किस प्रकार अलग है?
आप इसकी कल्पना करें कि इस आइडिया को शुरु करने के बाद 3-4 साल बाद अपने आप को कहाँ देखते हैं? यदि आप यह आइडिया नहीं चला तो आपका प्लान बी क्या है?

3.मार्केट रिसर्च-
स्टार्ट अप शुरु करने से पहले मार्केट रिसर्च जरुर करें। मार्केट रिसर्च के बाद आपको पता चलेगा कि आपके आइडिया में कितनी संभवानाएँ? कितना कॉम्पिटिशन है।
मार्केट रिसर्च करने के लिए SWOT analysis का सहारा ले सकते हैं। SWOT analysis की बात करे s यानी strength, W means weakness, O means opportunity और t यानी threats.
4. को फाउंडर ढूंढ़े –
स्टार्ट अप आप अकेले भी शुरु कर सकते हैं लेकिन आगे आपको को फाउंडर की जरुरत होगी। स्टार्ट अप एक दुकान नहीं है जिसे आप अकेले चला लेगे, स्टार्ट अप में कई डिशिनल लेने होते हैं, कई सारी जिम्मेदारियाँ होती है।अपने स्टार्ट अप के लिए किसी को भी को फाउंडर बनाने से पहले यह देखे कि क्या यह व्यक्ति आपके जितना या आपसे अधिक टैलैंटैड या नहीं, क्या वो लोगों को अच्छे से मैनेज कर पाएगा? उसे थोड़ी सी बात पर बार बार गुस्सा तो नहीं आता है?
यदि आप एक इन्टरोवर्ट हैं तो आपका को फाउंडर एक्सट्रोवर्ट हो सकता है इससे आपके कंपनी को काफी फायदा होगा।
5.टीम बिल्डिंग –
एक पुरानी कहावत है कि एक अकेला चना भार नहीं फोड़ सकता।
आपको अपने स्टार्ट अप को बड़े लेवल पर ले जाने के लिए एक अच्छी टीम की जरुरत होगी। हर काम के लिए उस काम का स्पेशलिस्ट को हायर करें। किसी भी कंपनी की सफलता इस पर निर्भर करती है कि उस कंपनी की टीम कैसा है? इसलिए अपने स्टार्ट अप के लिए बेहतरीन टीम बनाए।
6. फंडिग-
आप अपने आइडिया, प्लानिंग और अपने को फाउंडर के साथ स्टार्ट अप शुरु कर सकते हो लेकिन इसे बड़े लेवल पर ले जाने के लिए फंडिंग की जरुरत होती है।
यदि आपके पास अच्छे फंड रहेगे तो आप प्रोडक्ट को और बेहतर बना सकते हैं, लोगों को हायर कर सकते हैं।
अपने स्टार्ट अप फंडिंग के लिए आप प्राइवेट इक्विटी या वेंचर कैपिटलिस्ट के पास जा सकते हैं।
आज कल तो शार्क टैंक जैसै शो मौजूद है जहाँ इनवेस्टर आपके स्टार्ट अप में इनवेस्ट करते हैं।
हलांकिं आप बैंक लोन भी ले सकते हैं। लोन के लिए आपको मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो स्मॉल एण्ड मिडियम एंटरप्राइजेज से अप्रूवल लेना होगा। अप्रूवल के बाद आपको 1 करोड़ तक का लोन मिल सकता है।
वहीं प्राइवेट इक्विटी और एंजेल एन्वेस्टर उतना आसान नहीं होता है इसके लिए आपके प्रोडक्ट में दम होना चाहिए।
आपने शार्क टैंक में भी देखा होगा कि कंपनी के फाउंडर्स को लगता है कि उनका प्रोडक्ट सुपरहिट है लेकिन इन्वेस्टर ऐसा नहीं लगा तो वे आपके स्पार्ट अप में पैसा नहीं लगाएगे क्योकिं ये एंजल इनवेस्टर को स्टार्ट अप और बिजनेस की दुनिया का काफी अनुभव होता है।
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इनवेस्टर ने इनवेस्ट नहीं किया तो आपका स्टार्ट अप बेकार है।
फंडिंग को लेकर टेंशन लेने की जरुरत नहीं है यदि आपके स्टार्ट अप में दम होगा तो फंड मिल ही जाएगा। आपको बता दें कि बिना फंड के भी कंपनी चलाई जा सकती है।
7. मार्केटिंग-
अब जानते हैं कि स्टार्ट अप के सबसे जरुरी प्वाइंट मार्केटिंग के बारे में।
आपको अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में कस्टमर को जानकारी हो इसके लिए आपको दमदार और क्वालिटि मार्केटिंग करना होगा।
आप मार्केटिंग के लिए यूट्यूब, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, ट्विकर पर एड चला सकते हैं.
आजकी अधिकतर कंपनियाँ जैसै कि जोमेटौ, मीशो, फ्लिपकार्ट, मामा अर्थ , बायजू कपनियाँ मार्केटिंग पर काफी पैसा खर्च करती है।
8. ऑनलाइन रजिस्टेशन कराए
आपको जोमैटो जैसी नाम बदलने जैसी प्रॉब्लम से न जूझनी पड़े इसलिए स्टार्ट अप का बढ़िया नाम सोचे और ऑनलाइन रजिस्टेशन करवाएँ।
ऑनलाइन रजिस्टेशन के लिए इस वेवसाईट पर जा सकते हैं।
www.mca.gov.in/MCA21/RegisterNewComp.html