Menstrual suppresion महिलाओं में आने वाली पीरियड में आम प्रक्रिया हैं।
इसमें होने वाले आसहनीय दर्द और हार्मोनल इनबैलेंस के लाइफस्टाइल को कोई नहीं समझता।
यही कारण हैं कि महिलाओं के साथ साथ युवतियां भी पीरियड बंद कराने का ट्रीटमेंट ले रहीं। अब बहुत सारी महिलाएं मेंस्ट्रुअल सप्रेशन की मदद से पीरियड रोक रही।
सबसे पहले आर्मी में काम करने वाली महिला अफसरो के लिए इसकी जरूरत समझी।
क्यों ले रही इसका सहारा
आपको बता दें कि इस ट्रीटमेंट की जरूरत उन महिलाओं वह लड़कियों के लिए महसूस की गई जो शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग हैं।
इसलिए क्योंकि उनके द्वारा शरीर की केयर, साफ सफाई और देखरेख नहीं की जा सकती।
दूसरे नंबर पर आर्मी महिला अफसर के लिए जिन पर देश की रक्षा की जिम्मेदारी हैं।
इस महावारी के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं, कई महिलाओं को चिड़चिड़ेपन की भी समस्याएं होती हैं।
इसलिए इन महिलाओं द्वारा भी पीरियड को रोकने संबंधी ट्रीटमेंट कराया जा रहा।
शरीर में बदलाव

एक स्वस्थ महिला अपने जीवन के कम से कम 40 साल इस महावारी से हर महीने गुजरती हैं।
इस दौरान महिलाओं में रिप्रोडक्टिव हार्मोन ऊपर नीचे होते हैं। इस दौरान उन्हें असहनीय दर्द भी होता हैं, जिसे कोई नहीं समझ सकता।
इसका सीधा असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता हैं।
किसी को पेट कमर में तेज दर्द होता हैं तो किसी को मूड स्विंग वह सर दर्द आदि से गुजरना पड़ता हैं।
यही कारण हैं कि इस कंडीशन में घर हो या ऑफिस काम करना मुश्किल होता हैं। इस असहनीय दर्द को समाज में हल्के में लिया जाता हैं।
यही सबसे बड़ा वजह हैं कि अब महिलाएं मेंस्ट्रुअल सप्रेशन की सहायता से पीरियड को बंद कराने की तकनीक अपना रहीं।
ट्रीटमेंट का तरीका
इस ट्रीटमेंट में सबसे पहले बर्थ कंट्रोल पिल्स होती हैं। जिनकी सहायता से पीरियड को पूरी तरह से बंद ना करके बल्कि उसका फ्लो धीमा कर दिया जाता हैं।
इससे यहां होता हैं कि दर्द को सहन किया जा सकता हैं। दूसरा तरीका हैं स्किन पैच इसमें महिलाओं के पीरियड को एक निश्चित समय यानी 4 महीने के लिए बंद कर दिया जाता हैं।
इसका मतलब हर 4 महीने में पीरियड आते हैं, फिलहाल यहां ट्रीटमेंट विदेशो में होता हैं। भारत में इसका चलन नहीं हैं।
क्या है तरीका
मेंस्ट्रुअल सप्रेशन वहा तरीका हैं जिससे महिलाओं में हर महीने आने वाले पीरियड को बंद करा दिया जाता हैं या तो ब्लीडिंग फ्लो कम कर दिया जाता हैं।
इस ट्रीटमेंट में गोलियों की मदद से पीरियड रोके जा सकते हैं। साथ ही उसकी फ्रीक्वेंसी को भी कम कर सकते हैं। ये डॉक्टर के निर्देश में ही किए जाते हैं।
यहां जरूरी होता हैं कि उस महिला या युवती को कम से कम एक पीरियड तो जरूर आया हों।
कौन ले सकता हैं ट्रीटमेंट व इसके लाभ

पीरियड से गुजर रही कोई भी महिला मेंस्ट्रुअल सप्रेशन का उपयोग कर सकती हैं।
यहां आमतौर पर उन महिलाओं को लेना चाहिए जिन्हे हैवी फ्लो होता हो वह जिन्हे असहनीय पीड़ा होती हों। ऐसी महिलाओं को डॉक्टर द्वारा इस ट्रीटमेंट लेनी की सलाह दी जाती हैं।
पीरियड रोकने वाली इस ट्रीटमेंट को सप्रेशन मैथड कहा जाता हैं। इसे लेने से पहले डॉक्टर द्वारा पेशेंट की पूरी जांच की जाती हैं।
साथ ही यहां भी जाना जाता हैं, कि उसे कोई गंभीर बीमारी तो नहीं हैं। यहां भी देखा जाता हैं, कि महिला के किसी ऑर्गन में कोई समस्या तो नहीं हैं।
सभी जांच के बाद उन्हें इस ट्रीटमेंट की परमिशन दे दी जाती हैं।