शिवपुरी में स्वास्थ्य व्यवस्था की एक ओर लापरवाही की तस्वीर उजागर हुई है, यहां पिछोर स्वास्थ्य केंद्र में बत्ती गुल होने के बाद इमरजेंसी सेवाएं ध्वस्त दिखाई दीं, इस बीच तैनात डाक्टरों को मोबाइल की रोशनी में मरीज का इलाज करना पड़ा। जबकि पिछोर स्वास्थ्य केंद्र पर लाखों खर्च कर जनरेटर सहित इमरजेंसी व्यवस्था की गई है।
जानकारी के अनुसार पिछोर के स्टेडियम में फुटबाल खेलते वक्त दो खिलाड़ियों में आपस में विवाद हो गया, जिसके बाद दोनों आपस में झगड़ पड़े थे। गुस्से में एक खिलाड़ी ने दूसरे खिलाड़ी के सिर पर पत्थर दे मारा, जिससे वह घायल हो गया था। घायल खिलाड़ी को उसके साथी तत्काल पिछोर के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे। इस दौरान पिछोर के स्वास्थ्य केंद्र में बिजली गुल थी और इमरजेंसी में युवक का इलाज भी जरूरी था, जिसके चलते स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर ने बिना इमरजेंसी सुविधाओं का प्रयोग करते हुए न सिर्फ मोबाइल टार्च की रोशनी में MLC बनाई, साथ ही घायल युवक को टांके भी इसी रोशनी में लगाना शुरू कर दिया।
मोबाइल टॉर्च की रोशनी से बात नहीं बनी तो डॉक्टर साहब घायल युवक को उठवाकर पिछोर के स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में ले आएं, जहां उसे प्राकृतिक रोशनी में टांके लगाए गए। इस दौरान अन्य मरीज भी उपचार कराने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जिन्हें भी परिसर में देखा गया। पिछोर स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए हाल ही में लाखों रुपए खर्च कर जनरेटर को खरीदा गया था लेकिन जनरेटर शोपीस साबित हुआ। बरती गई लापरवाही के बारे में जब पिछोर स्वास्थ्य प्रबंधन से बात की गई तो उनका कहना था कि जनरेटर के कनेक्शन को नहीं जोड़ा गया है कुछ ही दिनों में जनरेटर की खामी को दूर कर दिया जाएगा।